दिल्ली के रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल खत्म, सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बड़ी राहत
दिल्ली के अस्पतालो में चल रही डाक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है। फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने अस्पतालों में हड़ताल खत्म करने की घोषणा की है। दिल्ली में रेजिडेंट डाक्टर सरकारी अस्पतालों में हड़ताल पर थे।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली के अस्पतालो में चल रही डाक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है। फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने अस्पतालों में हड़ताल खत्म करने की घोषणा की है। मेडिकल स्नातकोत्तर में दाखिले की प्रक्रिया में हो रही देरी के विरोध में रेजिडेंट डाक्टर सरकारी अस्पतालों में हड़ताल पर थे। इस वजह से अस्पतालों में 13 दिनों से ओपीडी व चार दिनों से इमरजेंसी सेवा प्रभावित थी।
फोर्डा के अध्यक्ष डा. मनीष कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने पीजी-नीट में ईडब्ल्यूएस व ओबीसी आरक्षण लागू करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन याचिका पर जल्द सुनवाई करने की अपील दायर करने का आश्वासन दिया है। इसके फोर्डा ने एक सप्ताह के लिए हड़ताल स्थगित करने की घोषणा की है।
इससे पहले राजधानी के सभी बड़े अस्पतालों में लगातार तीसरे दिन भी रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं थी। गंभीर मरीजों को भी इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। इस दौरान सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल), लेडी हार्डिग मेडिकल कालेज व इससे संबद्ध सुचेता कृपलानी अस्पताल, कलावती सरन बाल चिकित्सालय, लोकनायक अस्पताल में रेजिडेंट डाक्टरों ने इमरजेंसी में काम नहीं किया था। इनमें सबसे ज्यादा असर आरएमएल और सफदरजंग अस्पताल में रहा। लोकनायक अस्पताल में बहुत कम संख्या में गंभीर मरीजों को देखा गया।
उधर, डाक्टरों का कहना था कि जब तक सरकार नीट-पीजी की काउंसलिंग शुरू नहीं करेगी तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे। हड़ताल के दौरान लेडी हार्डिंग के डाक्टरों ने कनाट प्लेस की सड़कों पर उतरकर पैदल मार्च निकालते हुए मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की।