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City Rankings 2020: रहने के लिहाज से सबसे सुगम शहरों में दिल्ली की रैंकिंग में सुधार

अच्छी और सस्ती शिक्षा है साफ सफाई है हर क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है और स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में भी कदमताल जारी है। आने वाले समय में भी सुधार का यह सिलसिला जारी रहने के आसार हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 02:27 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 02:27 PM (IST)
City Rankings 2020: रहने के लिहाज से सबसे सुगम शहरों में दिल्ली की रैंकिंग में सुधार
रहने के लिहाज से जारी रैंकिंग में दिल्ली का 65वें स्थान से 13वें स्थान पर आना उपलब्धि से कम नहीं

नई दिल्‍ली, राज्‍य ब्‍यूरो। रहने के लिहाज से सबसे सुगम शहरों में दिल्ली की रैंकिंग में सुधार सुखद एहसास है। 65वें स्थान से 13वें स्थान पर आना किसी उपलब्धि से कम नहीं। इस पर भी 10 लाख से कम आबादी वाले नगर निकायों में में नई दिल्ली नगर निगम परिषद (एनडीएमसी) यानी लुटियंस दिल्ली का देश में नंबर एक होना गौरव की बात है।

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2018 की तुलना में सुधार की दृष्टि से दिल्ली की यह बड़ी छलांग है। हालांकि दस लाख से अधिक आबादी वाले नगर निकायों में दिल्ली के अन्य निगमों को शीर्ष 50 शहरों में स्थान मिला है। इसमें दक्षिणी निगम 28वें, पूर्वी निगम 42वें और उत्तरी निगम 48 वें स्थान पर है। इन जगहों पर जीवन सुधारने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अच्छी और सस्ती शिक्षा है, साफ सफाई है, हर क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है और स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में भी कदमताल जारी है। आने वाले समय में भी सुधार का यह सिलसिला जारी रहने के आसार हैं। इससे अन्य निकायों की रैंकिंग में भी सुधार होगा।

अगर सुख सुविधाओं के लिए अतिरिक्त भुगतान करके भी संतुष्टि न मिले तो फिर ठगे जाने का एहसास होता है। लेकिन, दिल्ली में ऐसा नहीं है। देश के अन्य शहरों की तुलना में दिल्ली की स्थिति लगभग हर मायने में बेहतर है। इसीलिए देश के कोने कोने से लोग यहां आकर बसते रहे हैं। हालांकि, अभी भी बहुत सुधार किए जाने की आवश्यकता है।

लुटियंस दिल्ली में तो राजधानी का 10 फीसद क्षेत्र भी नहीं है, जबकि 90 फीसद से अधिक नगर निगम के अधीन है। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, सफाई, सड़क और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में अभी भी काफी सुधार किया जाना बाकी है। इसके लिए निगमों को ही नहीं, सभी संबंधित एजेंसियों और दिल्ली एवं केंद्र सरकार को भी समन्वित प्रयास करने चाहिए। दर्जे से ही नहीं, असल मायने में भी दिल्ली देश की राजधानी लगनी चाहिए।


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