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दिल्ली में सामूहिक आत्महत्या: पांचों चिता जलीं एक साथ, सुसाइड से पहले भाई से बोला था हीरालाल- शायद अब आखिरी मोड पर है जिंदगी

दिल्ली के रंगपुरी इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहां एक पिता ने अपनी चार बेटियों के साथ सामूहिक आत्महत्या कर ली। हीरालाल नाम के इस व्यक्ति ने अपने भाई को आत्महत्या का संकेत दिया था। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जहर से मौत की पुष्टि हुई है।

By shani sharma Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 02 Oct 2024 12:31 AM (IST)
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रंगपुरी में चार बेटियों के साथ सामूहिक आत्महत्या करने वाले हीरालाल की भाभी गुड़िया।

शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। रंगपुरी में चार बेटियों के साथ सामूहिक आत्महत्या करने वाले हीरालाल ने अपने भाई को अनहोनी का इशारा कर दिया था। आत्महत्या से दो दिन पहले हीरालाल ने अपने भाई योगेश से कह दिया था कि शायद अब जिंदगी आखिरी मोड पर है।

दिव्यांग योगेश उनसे मिलने उनके फ्लैट पर आया था। वहीं, पुलिस ने मामले में मंगलवार को पांचों मृतकों का पोस्टमॉर्टम कराया। प्राथमिक रिपोर्ट में जहर से मौत की पुष्टि हुई है।

तीन अलग मेडिकल बोर्ड ने किया पीएम

पुलिस उपायुक्त रोहित मीना ने बताया कि हीरालाल सहित पांचों मृतकों का डॉक्टर्स के तीन अलग-अलग मेडिकल बोर्ड ने सफदरजंग अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमॉर्टम कराया गया। डॉक्टर्स की टीम में एक मनोरोग विशेषज्ञ भी शामिल रहे। ताकि घटना के समय मृतकों की मानसिक स्थिति का भी आंकलन किया जा सके।

प्राथमिक रिपोर्ट में मृतकों के शरीर में जहरीला पदार्थ मिला है। हालांकि विस्तृत रिपोर्ट के लिए मृतकों का विसरा जांच के लिए प्रिजर्व किया गया है।

मैं समझ नहीं सका अपने भाई का इरादा: योगेश

पोस्टमॉर्टम के दौरान हीरालाल के तीन भाई, भाभी सहित उनके दोस्त अस्पताल में रहे। एक भाई की तबीयत खराब होने पर वह घर चला गया था। हीरालाल के दिव्यांग भाई योगेश ने बताया कि वह घटना से दो दिन पहले भाई से मिलने उसके कमरे पर गया था। इस दौरान कुछ ही क्षणों के लिए हीरालाल ने योगेश से बात की।

उसने बातचीत में कहा कि शायद अब जिंदगी आखिरी मोड पर आ गई है। खुद को ही नहीं पता कि क्या होगा। इसके बाद वह अपने कमरे में चला गया और दरवाजा अंदर से लाक कर लिया। योगेश का कहना है कि वह अपने भाई के इरादे को समझ नहीं पाया।

एक साथ जली पांच चिता, अब हीरालाल का कोई वंश नहीं

पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद कागजी औपचारिकता कर पांचों के शव स्वजनों को सौंप दिए। इसके बाद पांचों का सराय काले खां स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। एक साल पांच चिता जलती देख हीरालाल के भाई भभक पड़े। अब हीरालाल का कोई वंश नहीं बचा है। पुलिस जांच में पता चला कि हीरालाल किसी को बिना बताएं दैनिक मजदूरी पर काम कर रहा था। आत्महत्या से पहले उसने पड़ोस के एक एक दुकानदार की देनदारी निपटा दी थी।

पहले बेटियों को दिया जहर, उनकी मौत के बाद खुद पिया

पुलिस सूत्रों की मानें फ्लैट की स्थिति देखने से माना जा सकता है कि हीरालाल ने पहले अपनी चार बेटियों को सल्फास पानी में मिलाकर पिलाई। जब चारों बेटियों की मौत हो गई तो उसने खुद आत्महत्या कर ली। बता दें कि चारों बेटियों के शव कमरे में बेड पर लाइन से पड़े थे, जबकि हीरालाल का शव दूसरे कमरे में था। पुलिस ने तांत्रिक बिंदु से इनकार किया है। हालांकि पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर अपनी जांच को जारी रखेगी।

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