राजेंद्र नगर इलाके में एसयूवी सवार बदमाशों ने पिस्टल के दम पर लूटी गाड़ी
राजेंद्र नगर इलाके में एसयूवी सवार बदमाशों ने घर के सामने खड़ी गाड़ी लूट ली। घटना बुधवार देर रात की है। व्यवसायी जितिन मोटवानी परिवार के साथ शंकर रोड इलाके में रहते हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार रात एसयूवी सवार बदमाश उनके घर के बाहर से फाच्यरूनर गाड़ी चुराने लगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजेंद्र नगर इलाके में एसयूवी सवार बदमाशों ने घर के सामने खड़ी गाड़ी लूट ली। घटना बुधवार देर रात की है। व्यवसायी जितिन मोटवानी परिवार के साथ शंकर रोड इलाके में रहते हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार रात एसयूवी सवार बदमाश उनके घर के बाहर से फाच्यरूनर गाड़ी चुराने लगे। जब विरोध किया तो बदमाशों ने पिस्टल निकाल चलाने की धमकी दी और उनकी फाच्यरूनर लेकर फरार हो गए। वहीं, अन्य मामले में मधु विहार इलाके में दो बदमाशों ने झाड़ फूक से चमत्कार दिखाने का बहाना बनाकर एक महिला के गहने ठग लिए।
वारदात के वक्त महिला घर से दूध लेने के लिए जा रही थी। वारदात को अंजाम देकर आरोपित मौके से फरार हो गए। पीड़िता गिन्नी की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार गिन्नी नय्यर आइपी एक्सटेंशन में रहती हैं। वह विदिशा अपार्टमेंट के पास दुकान से दूध लेने जा रही थी। इस दौरान दो बदमाशों ने महिला को झांसे में लेकर उनके गहने उतरवा लिए और आंख बंद कर मंत्र का जाप करने को बोला। दोनों आरोपित गहने लेकर फरार हो गए। संसद मार्ग थाना पुलिस ने रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर सैकड़ों युवाओं के साथ धोखाधड़ी करने वाले चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपित बिहार के सासाराम जिले के निवासी दयानंद सरस्वती उर्फ अमित और कैमूर जिले के भभुवा निवासी सुनील कुमार उर्फ अमित को पकड़ा गया। इसके बाद इनकी निशानदेही पर दो अन्य साथी सुखराज सिंह और अमर कुमार को गिरफ्तार किया है। आरोपित बेरोजगार युवाओं को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनसे रुपये ले रहे थे।
इसके लिए आरोपितों ने रेलवे स्टेशन पर फर्जी प्रशिक्षण भी दिलाया था। इसके साथ ही पीड़ितों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया गया था। जब पीड़ित नियुक्ति पत्र लेकर रेलवे के कार्यालय गए तब उन्हें ठगी का पता चला। नई दिल्ली जिले के उपायुक्त दीपक यादव ने बताया कि इसी साल 26 जुलाई को शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत दर्ज करवाते हुए बताया कि कि उसे रेलवे में टिकट कलेक्टर बनवाने का झांसा दिया गया था।