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CAA Delhi Protest Updates: शाहीन बाग में सख्ती के मूड में पुलिस, 1 महीने से सड़क पर जारी है धरना

CAA Delhi Protest Updates पुलिस लगातार प्रबुद्ध लोगों से बातचीत कर धरना खत्म करने की अपील कर रही है लेकिन कोई समझने को तैयार नहीं दिखाई दे रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 08:38 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 08:38 AM (IST)
CAA Delhi Protest Updates: शाहीन बाग में सख्ती के मूड में पुलिस, 1 महीने से सड़क पर जारी है धरना
CAA Delhi Protest Updates: शाहीन बाग में सख्ती के मूड में पुलिस, 1 महीने से सड़क पर जारी है धरना

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। CAA Delhi Protest Updates:  नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में शाहीन बाग में बीते एक माह से अधिक समय से चल रहे धरने को लेकर आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो गया है। पुलिस लगातार प्रबुद्ध लोगों से बातचीत कर धरना खत्म करने की अपील कर रही है, लेकिन कोई समझने को तैयार नहीं दिखाई दे रहा है। सामने गणतंत्र दिवस समारोह है। समारोह की सुरक्षा दिल्ली पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है, क्योंकि समारोह में कई विदेशी मेहमान शरीक होते हैं। अगर प्रदर्शनकारियों ने खुद धरना खत्म नहीं किया तो 26 जनवरी से पहले दिल्ली पुलिस उन्हें हटाने के लिए सख्त कदम उठा सकती है। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के लिए ऐसा करना मजबूरी होगी।

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विशेष आयुक्त इंटेलीजेंस प्रवीर रंजन व डीसीपी दक्षिण-पूर्वी जिला चिन्मय बिश्वाल पिछले कई दिनों से धरनास्थल पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि धरना जल्द खत्म हो जाए। लेकिन प्रदर्शनकारी उनकी सुनने को तैयार नहीं हैं। शाहीन बाग मामले को लेकर दिल्ली पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के बीच लगातार बैठकें चल रही हैं। अभी तक पुलिस, प्रदर्शनकारियों को मनाने की ही कोशिश कर रही है।

दिल्ली पुलिस का खुफिया विभाग शक के आधार पर इस बात की भी जांच कर रहा है कि प्रदर्शनकारियों को कहीं से फंडिंग तो नहीं हो रही है। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बड़े-बड़े नेताओं व स्थानीय नेताओं पर पुलिस का शक गहरा गया है। पुलिस को लगता है कि नेताओं से इन्हें पूरी शह मिल रही है। लिहाजा पुलिस अत्यंत गोपनीय तरीके से इसकी जांच कर रही है।

धरनास्थल व इसके आसपास से प्रतिदिन पुलिस डंप डाटा भी उठाकर जांच कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि धरनास्थल के आसपास किन-किन मोबाइल कंपनियों के नंबरों पर बातचीत की गई। उनमें नेताओं के कौन-कौन से नंबर हैं। आइबी भी हर एक शख्स पर पैनी नजर रख रही है। जिस तरह छोटे-छोटे बच्चों को लेकर महिलाएं दिन रात इतनी भीषण ठंड में टेंट में गुजारा करती हैं उससे पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों को पूरा यकीन है कि ये इतनी ठंड में बिना किसी स्वार्थ के धरने में शामिल नहीं होंगी।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि धरने के कारण आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है। जिसे देखते हुए लोगों ने दो बार दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की और धरना को जल्द सड़क से हटवाने की गुहार लगाई, लेकिन कोर्ट से आम लोगों को राहत नहीं मिल सकी। कोर्ट ने पुलिस के विवेक पर सारा कुछ थोप दिया। जिससे पुलिस पसोपेश में है।

पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर 22 को पहली सुनवाई होनी है। इसलिए प्रदर्शनकारियों की नजर 22 जनवरी पर भी टिकी है। अगर शीर्ष अदालत से उन्हें कुछ राहत मिलेगी तो ठीक अन्यथा गणतंत्र दिवस से पहले वे खुद ही धरना खत्म करने का निर्णय ले सकते हैं। धरने के कारण सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही है जो स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।


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