Pooja Khedkar Case: दिल्ली पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार, IAS एकेडमी और एम्स से जानकारी मांगी
Pooja Khedkar Case दिल्ली पुलिस पूजा खेडकर मामले में जांच कर रही है। पुलिस ने खेडकर के बारे में महाराष्ट्र सरकार मसूरी में आईएएस प्रशिक्षण अकादमी और एम्स दिल्ली से जानकारी मांगी है। वहीं पुलिस (Delhi Police) पूजा को नोटिस भेजकर जांच में शामिल होने के लिए कहेगी। हाईकोर्ट ने गुरुवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में पूर्व आईएएस निषेधाज्ञा अधिकारी पूजा खेडकर के बारे में महाराष्ट्र सरकार, मसूरी में आईएएस प्रशिक्षण अकादमी (IAS Training Academy Mussoorie) और एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) से जानकारी मांगी है।
सूत्रों के अनुसार, खेडकर पर 19 जुलाई को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गलत तरीके से ओबीसी कोटा लाभ प्राप्त करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुरक्षित करने के लिए मामला दर्ज किया था।
खारिज हुई थी अग्रिम जमानत
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिनकी गहन जांच की आवश्यकता है। खेडकर ने अपने वकील के माध्यम से अदालत से संपर्क किया था, जिसमें कहा गया था कि उन्हें गिरफ्तारी का खतरा है।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने इस सप्ताह खेडकर की उम्मीदवारी रद कर दी थी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था।
जांच शामिल होने को भेजा जाएगा नोटिस
दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने कहा कि खेडकर भारत में हैं और विभाग जल्द ही उन्हें जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी करेगा। यूपीएससी ने खेडकर पर धोखाधड़ी करने और निर्धारित संख्या से अधिक बार परीक्षा देने के लिए अपनी पहचान का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामला दर्ज कराया है।
सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने महाराष्ट्र राजस्व विभाग, उत्तराखंड के मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी और दिल्ली के एम्स को पत्र लिखा है।
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यूपीएससी से मिले जवाब
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि खेडकर के आवेदन पत्र का विवरण मांगते हुए पुलिस ने यूपीएससी को भी पत्र लिखा है। यूपीएससी से कुछ जवाब आए हैं, लेकिन अन्य विभागों की रिपोर्ट का इंतजार है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि संबंधित दस्तावेजों का संकलन किया जा रहा है। एक बार यह पूरा हो जाने पर नोटिस दिया जा सकता है या उन्हें जांच में शामिल होने के लिए कहा जा सकता है।