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Delhi Riots 2020: महमूद प्राचा के निजामुद्दीन व यमुना विहार कार्यालयों पर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की छापेमारी

Advocate Mehmood Prachaछापेमारी के दौरान प्राचा खुद निजामुद्दीन स्थित कार्यालय पर मिले। यमुना विहार कार्यालय पर उनके कर्मचारी मिले। सेल ने प्रार्चा से कंप्यूटर का हार्ड डिस्क सौंपने को कहा। जिससे फर्जी हलफनामा बनाया गया था और उस पर नोटरी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 10:10 AM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 10:12 AM (IST)
Delhi Riots 2020: महमूद प्राचा के निजामुद्दीन व यमुना विहार कार्यालयों पर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की छापेमारी
छापेमारी के दौरान प्राचा व पुलिस अधिकारियों के बीच बहस भी हुई।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगा मामले में अदालत में फर्जी हलफनामा दायर करने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बृहस्पतिवार को दंगाईयों के वकील महमूद प्राचा के निजामुद्दीन पूर्वी व यमुना विहार स्थित कार्यालयों पर छापेमारी की। अदालत के आदेश पर स्पेशल सेल ने प्राचा के खिलाफ पहले फर्जीवाड़ा की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया फिर अदालत से वारंट हासिल करने के बाद इनके ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान प्राचा खुद निजामुद्दीन स्थित कार्यालय पर मिले। यमुना विहार कार्यालय पर उनके कर्मचारी मिले। सेल ने प्रार्चा से कंप्यूटर का हार्ड डिस्क सौंपने को कहा। जिससे फर्जी हलफनामा बनाया गया था और उस पर नोटरी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे।

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छापेमारी के दौरान प्राचा व पुलिस अधिकारियों के बीच बहस भी हुई। डीसीपी मनीषी चंद्रा के नेतृत्व में सेल की टीम ने छापेमारी की। प्राचा पर आरोप है कि उन्होंने हलफनामे में कहा कि पुलिस ने एक दंगा पीडि़त को गलत बयान देने को कहा था। हलफनामा जिस नोटरी के नाम पर बनाया गया उनकी तीन साल पहले मौत हो चुकी है। उक्त नोटरी की पत्नी कड़कड़डूमा कोर्ट में वकील हैं। उनके पति को दिल्ली सरकार द्वारा नोटरी का लाइसेंस मिला हुआ था। कोर्ट में बहस के दौरान इसकी पोल खुली थी। नोटरी की पत्नी ने अदालत को बताया कि उनके पति की मौत हो चुकी है। उन्होंने कोई हलफनामा नहीं बनाया है।

इसपर कोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव को स्पेशल सेल अथवा क्राइम ब्रांच से जांच कराने को कहा था। जांच में हलफनामा फर्जी पाए जाने पर प्राचा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। दिल्ली दंगे के एक मामले में एक आरोपित को जमानत दिलाने के लिए ऐसी चाल चली गई थी। इसमें बार के कुछ सदस्यों के भी शामिल होने की बात सामने आइ है।

पुलिस ने प्रार्चा के कार्यालयों से कुछ दस्तावेज व अन्य सामान जब्त किए हैं। छापेमारी इसलिए की गई ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उनके कार्यालय में कोई और भी फर्जी दस्तावेज तो नहीं तैयार किए जाते हैं। प्राचा दिल्ली दंगा के मामले में गिरफ्तार की गई गुलफिशा उर्फ गुल समेत कुछ अन्य आरोपितों के वकील हैं। 20 अगस्त को उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे की साजिश रचने के मामले में सेल ने पिंजरा तोड़ की जिन छात्राओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था

उन्होंने बयान में कहा था कि माकपा महासचिव सीताराम येचुरी व स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव समेत अर्थशास्त्री जयति घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व एक्टिविस्ट अपूर्वानंद, डॉक्युमेंट्री फिल्म निर्माता राहुल रॉय, कांग्रेस के पूर्व विधायक मतीन अहमद, आप के विधायक अमानतुल्लाह खान व वकील महमूद प्राचा धरना स्थलों पर आकर भाषण देते थे। जाफराबाद दंगा के मामले में आरोपित बनाए गए जेएनयू की छात्रा देवांगना कलिता, नताशा नरवाल व जामिया मिल्लिया की गुलफिशा फातिमा उर्फ गुल ने इन नेताओं के नाम लिए थे। 

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