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JNU कैंपस में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में पुलिस ने दर्ज की FIR

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 10:51 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 10:51 AM (IST)
JNU कैंपस में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में पुलिस ने दर्ज की FIR
JNU कैंपस में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में पुलिस ने दर्ज की FIR

नई दिल्ली, एएनआइ/जागरण संवाददाता। दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है। फीस बढ़ोतरी को लेकर हुए छात्रों के प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय की दीवारों पर नुकसान पहुंचाया गया था। इसके अलावा कैंपस में स्थित स्वामी विवेकानंद की मूर्ति पर अपशब्द लिखा गया था।

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जेएनयू प्रशासन ने इसकी शिकायत पुलिस में की थी। आरोप है कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने विश्वविद्यालय की दीवारों को नुकसान पहुंचाया है। 

स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की घटना की जेएनयू प्रशासन ने कड़ी निंदा की है। जेएनयू प्रशासन ने कहा है कि चीफ प्रॉक्टर ऑफिस दोषी छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।

पुलिस में दी छात्रों के र्दुव्‍यवहार की शिकायत

जेएनयू प्रशासन की तरफ से शुक्रवार को प्रशासनिक भवन में प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा लिखे गए नारों के खिलाफ, सरकारी संपत्ति को नुकासान पहुंचाने और विश्वविद्यालय की शिक्षिका और शिक्षकों का घेराव करने और खराब बर्ताव करने के खिलाफ शिकायत की थी। इसमें प्रशासन ने वीडियो क्लिप भी पुलिस को दी है। इस मामले में जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि शुक्रवार को प्रशासन को तरफ से वंसत कुंज थाने में शिकायत की है। अब पुलिस मामले की जांच करने के लिए आगे की कार्रवाई कर रही है।

प्रशासनिक भवन की दीवारों पर अपशब्द लिखे

कुलपति ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने प्रशासनिक भवन की इमारत के अंदर और बाहर दीवारों व फ्लोर पर अनर्गल बातें लिख दीं, सुरक्षा कर्मियों के साथ झगड़ा किया और इमारत के दरवाजों को भी तोड़ा। इस तरह की हिंसक और अनुचित गतिविधियों को माफ नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा प्रदर्शनकारी छात्रों ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों के घरों का घेराव किया और उन्हें एवं उनके परिवारा वालों को परेशान किया। साथ ही उनका उत्पीड़न करने से भी गुरेज नहीं किया।। इसमें इन शिक्षकों के छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे।

यही नहीं छात्रों ने विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षा समारोह स्थल के मुख्य गेट पर भी प्रदर्शन किया और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और संस्थान के कुलाधिपति डॉक्टर वीके सारस्वत को छह घंटे तक रोके रखा।

जेएनयू कुलपति ने की छात्रों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील

जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम.जगदीश कुमार ने शुक्रवार को शिक्षकों और छात्रों को पत्र लिखकर संदेश दिया है कि वह प्रदर्शन कर रहे छात्रों से निवेदन करते हैं कि वह अपने प्रदर्शन को बंद कर दें। इससे विश्वविद्यालय के अकादमिक और शोध के कार्यों पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन हमेशा ही बातचीत के लिए तैयार रहता है, लेकिन इसके लिए छात्र प्रशासन पर अवैध तरीकों से दबाव बनीं बना सकते। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सेमेस्टर परीक्षा शुरू होने वाली है। इस हंगामें की वजह से तमाम ऐसे छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है, जो इस सबका हिस्सा नहीं हैं।

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