Delhi में होटलों से पकड़े 7 बांग्लादेशी, पुलिस जांच में खुला बड़ा राज; ऐसे बनवाना चाहते थे आधार कार्ड
दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे सात और बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया है। बताया गया कि इनके वीजा की अवधि समाप्त हो गई थी इसके बावजूद भी ये अवैध रूप से होटलों में ठहरे हुए थे। इतना ही नहीं ये लगातार बांग्लादेशी और भारतीय एजेंटे के संपर्क में भी थे। आगे विस्तार से पढ़िए पुलिस ने कैसे इन्हें पकड़ा है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिकों की धर पकड़ के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत मध्य जिला पुलिस ने सात और बांग्लादेशी नागरिक को हिरासत में लिया है।
उन्हें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के समक्ष पेश कर वापस बांग्लादेश भेज दिया गया है। ये सभी टूरिस्ट वीजा पर पिछले माह दिसंबर में दिल्ली आए थे। यहां आने के बाद ये लोग पहाड़गंज व नबी करीम के पांच होटलों में ठहरे हुए थे। इनमें कुछ के वीजा की अवधि दिसंबर व कुछ के जनवरी में समाप्त हो गए थे फिर भी ये लोग अवैध तरीके से होटलों में ठहरे हुए थे और बांग्लादेशी और भारतीय एजेंटों के लगातार संपर्क में थे।
भारतीय दस्तावेज बनवाने की फिराक में थे
उक्त एजेंटों के जरिये ये लोग आधार कार्ड व अन्य भारतीय दस्तावेज बनवाने की प्रक्रिया में जुटे हुए थे। भारतीय दस्तावेज बनवाने के बाद इनमें कुछ की योजना किसी तीसरे देश में जाकर वहां रोजगार करने की थी और कुछ की योजना दिल्ली में ही बसकर कोई रोजगार पाने की थी। लेकिन इससे पहले मध्य जिला पुलिस की टीम ने एफआरआरओ व अन्य जगहाें से प्राप्त किए गए विदेशी नागरिकों के डाटाबेस व होटलों आदि के फील्ड सत्यापन से दबोच लिया।
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डीसीपी मध्य जिला एम.हर्ष वर्धन के मुताबिक मध्य जिला के होटलों में अवैध रूप से छिपे जिन सात बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ कर बांग्लादेश भेज दिया गया, उनके नाम मोहम्मद बेला (बटकांडी, कुमिला), मोहम्मद यासीन (नारायणगंज), इमोन होसेन (कुमिला), मोहम्मद ग्यास उद्दीन (कमिला), मोहम्मद रुबेल हुसैन (तंगेल), नसरुद्दीन (नोआखली) व तनवीर हसन (चांदपुर) है।
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इस माह मध्य जिला पुलिस द्वारा अब तक 17 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ कर उन्हें एफआरआरओ के जरिये बांग्लादेश भेज चुकी है। तकनीकी और मैन्युअल जानकारी के आधार पर भी जिला पुलिस होटलों आदि के सत्यापन में जुटी हुई है।
और भी बांग्लादेशी के पकड़े जाने की संभावना
डीसीपी एम हर्ष वर्धन का कहना है कि इनसे पूछताछ में बांग्लादेश व भारतीय एजेंटों के बारे में कुछ जानकारी मिली है, जिनके बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है। भविष्य में और भी बांग्लादेशी के पकड़े जाने की संभावना है।
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पुलिस अधिकारी का कहना है कि विदेशी नागरिकों की पहचान करने और उन्हें वापस उनके देश भेजने के लिए पुलिस की गई टीम विदेशी नागरिकों के डाटाबेस से जांच कर धर पकड़ करने में जुटी हुई है। होटलों व गेस्ट हाउसों में ठहरने वाले विदेशी नागरिकों और उनके वीजा विवरण वाले डाटाबेस की जांच की जा रही है।
बांग्लादेश भेज देने का आदेश जारी किया
डाटाबेस से अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को ट्रैक करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस को मदद मिल रहा है। पकड़े गए सातों बांग्लादेशी नागरिकों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें बांग्लादेश भेज देने का आदेश जारी किया गया।
कमला मार्केट थाने में मामला दर्ज किया गया
ज्ञात रहे कुछ हफ्ते पहले मध्य जिला पुलिस ने नौ बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा था जिनमें एक के पास से फर्जी भारतीय जन्म प्रमाण पत्र मिला था। उस मामले में कमला मार्केट थाने में मामला दर्ज किया गया था। उसकी जांच चल रही है। इस संबंध में एमसीडी कार्यालय के एक अधिकारी, एक तहसीलदार से पूछताछ की गई है। आगे की जांच जारी है।
गृह मंत्रालय व उपराज्यपाल के निर्देश पर राजधानी में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी नागरिकोंं की धर पकड़ के लिए सभी थाना पुलिस सघन जांच में जुटी हुई है। सभी होटलों व गेस्ट हाउसों की जांच की जा रही है। झुग्गियाें में रहने वाले लोगों की भी जांच की जा रही है। एफआरआरओ के साथ समन्वय बनाकर यह अभियान जारी रहेगा। - रवींद्र सिंह यादव, विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था, दिल्ली पुलिस

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