युवक ने क्यों किया था मर्डर मम्मी-पापा व बहन का, पुलिस ने चार्जशीट में खोला राज
10 अक्टूबर की देर रात सूरज ने मम्मी, पापा और बहन की हत्या के बाद सूरज ने पुलिस को गुमराह करने के लिए खुद को भी घायल कर लिया था। इसके बाद उसने घर का दरवाजा खुला छोड़ दिया था
नई दिल्ली, जेएनएन। Vasant Kunj triple murder case दिल्ली स्थित वसंत कुंज के किशनगढ़ गांव में 10 अक्टूबर, 2018 को एक घर में हुई मां, पिता व बहन की हत्या में दिल्ली पुलिस ने शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें 19 साल के युवक को मां-बाप और बहन की हत्या में आरोपित बनाया गया है। अब इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होगी।
यहां पर बता दें कि 10 अक्टूबर को बिगड़ी संगत से चलते नशे के आदी सूरज नाम के युवक ने परिवार वालों की रोकटोक से तंग आकर बेरहमी से उनकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने कम समय में ही इस तिहरे हत्याकांड का खुलासा कर कर बेटे सूरज को गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस के अनुसार सूरज ने अपने माता-पिता और बहन की बेरहमी से हत्या की थी। इसके बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने खुद को भी घायल कर लिया था। हत्या की ये सनसनीखेज वारदात 11 अक्टूबर की तड़के पांच बजे दक्षिण दिल्ली के पॉश इलाके वसंत कुंज (किसनगढ़) में हुई थी। मूलरूप से कन्नौज के रहने वाले पेशे से कांट्रेक्टर मिथिलेश (45) पत्नी सिया, बेटी नेहा और बेटे सूरज के साथ यहां रह रहे थे। ये परिवार जिस बिल्डिंग में रह रहा था, उसी बिल्डिंग में छह और परिवार रह रहे हैं, लेकिन किसी को इस विभत्स वारदात की भनक तक नहीं लगी थी।
पुलिस के अनुसार, सूरज ने ही पिता और परिवार की डांस से नाराज होकर अपने पिता, मां और छोटी बहन की चाकूओं से गोदकर बेरहमी से हत्या की थी। सूरज ने किसी पेशेवर अपराधी की तरह पूरी साजिश के तहत इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। हत्या से पहले घर में सब कुछ सामान्य था। रात में पूरे परिवार ने एक साथ खाना खाया था। इसके बाद देर रात उसने माता-पिता और बहन की चाकूओं से बेरहमी से गोदकर हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार सूरज किसी भी सूरत में उन लोगों को जिंदा नहीं छोड़ना चाहता था, यही वजह है कि उसने ताबड़तोड़ एक के बाद एक 30 से ज्यादा वार किए थे।
शुरूआती जांच में सूरज ने पुलिस को दे दिया था चकमा
पुलिस के मुताबिक, सूरज ने इतने शातिराना तरीके से हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया था कि शुरू में वह भी चकमा खा गई। सूरज बार-बार एक ही बयान दे रहा था, इससे पुलिस को उसकी बातों पर संदेह का कोई आधार नहीं बन रहा था। हालांकि, पुलिस ने जब सूरज के बयान के आधार पर घटनास्थल की जांच की तो उसका झूठ सामने आ गया। इसके बाद पुलिस ने सूरज से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया था।
बहुत बारीकी से बनाई थी योजना
10 अक्टूबर की देर रात हत्याकांड को अंजाम देने के बाद सूरज ने पुलिस को गुमराह करने के लिए खुद को भी घायल कर लिया था। इसके बाद उसने घर का दरवाजा खुला छोड़ दिया था, ताकि ये प्रतीत हो कि बाहर से आए बदमाशों ने वारदात की है। बुधवार सुबह जब घरेलू सहायिका पहुंची तो उसे गेट खुला मिला। घर में जाने पर उसने देखा कि पति-पत्नी और बेटी का खून से लथपथ शव फर्श पर पड़ा है, जबकि घायल सूरज भी नजदीक ही फर्श पर पड़ा था। घरेलू सहायिका ने ही आसपास के लोगों को हत्याकांड की जानकारी दी थी। पुलिस के अनुसार अस्पताल में उपचार के थोड़ी देर बाद ही सूरज की हालत में सुधार आ गया। इसके बाद पूछताछ में उसने बताया कि दो बदमाश घर में घुसे थे। उन्होंने ही हत्याकांड को अंजाम दिया है। इसके बाद बदमाश बालकनी के रास्ते भाग गए थे। हालांकि पुलिस को मौका-ए-वारदात की जांच-पड़ताल में बालकनी से कोई खून का निशान नहीं मिला था। पुलिस के अनुसार सूरज ने अकेले ही माता-पिता और बहन की हत्या की थी। घर में लूट जैसी कोई वारदात नहीं हुई थी।
पिता जान गया था बेटे सूरज की करतूतें
पुलिस के अनुसार पिता मिथलेश को बेटे सूरज की करतूतों के बारे में पता चल चुका था। उन्हें पता था कि उनका बेटा गलत रास्ते पर चल निकला है। वह इसका विरोध करते थे और बेटे को सही रास्ते पर लाने के लिए कई बार उसकी पिटाई भी कर देते थे। इसी से नाराज होकर सूरज ने इस दिल दहला देने वाले तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस के अनुसार सूरज ने पहले केवल पिता की हत्या की ही योजना बनाई थी। बाद में उसने मां और बहन को भी मौत के घाट उतार दिया, क्योंकि वह दोनों भी उसकी आजादी में रोड़ा बन रहीं थीं। मां-बहन ने एक-दूसरे को बचाने का प्रयास भी किया था।
आजादी की जिंदगी जीने को की हत्या
पुलिस के अनुसार सूरज के पिता उसके प्रतिदिन देरी से घर आने पर नाराज होते थे। वह इसके लिए आए दिन सूरज को डांटते थे। इससे सूरज चिढ़ने लगा था। वह अपने पिता से भी कह चुका था कि वह उसे उसके हिसाब से आजादी वाली जिंदगी जीने दें। वहीं, उसके पिता सूरज को किसी भी तरह से सही रास्ते पर लाना चाहते थे। उसका भविष्य सुधारने के लिए वह बेटे के साथ कई बार सख्त रुख भी अख्तियार कर लेते थे। वह उस पर जल्दी घर आने और पढाई-लिखाई करने का दबाव बनाते थे, जो सूरज को पसंद नहीं था।
दोस्तों संग महरौली में किराए पर लिया था फ्लैट
दक्षिणी–पश्चिमी जिले के डीसीपी देवेंद्र आर्य ने बताया कि आरोपी सूरज और उसके आठ-दस दोस्तों ने महरौली में एक फ्लैट किराए पर ले रखा था। इन दोस्तों में कुछ लड़कियां भी शामिल थी। फ्लैट के किराए के लिए हर दोस्त 500 से 700 रुपये देता था। इस फ्लैट में ये सभी दोस्त अपनी तथाकथित आजादी की जिंदगी जीते थे। इस फ्लैट का इस्तेमाल आरोपी सूरज और उसके दोस्त नशा व अय्याशी के लिए करते थे। इसमें उनके ग्रुप की युवतियां भी शामिल रहती थीं।