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Delhi Constable Death: अधमरा होने तक सिपाही को कुचलता रहा धर्मेंद्र, मारने से पहले बोले आरोपी- तेरी औकात क्या है

तेज आवाज में उकसाते हुए चालक की बगल वाली सीट पर बैठे रजनीश ने भंडरे से कहा कि भाई आज इस संदीप बीट वाले पर कार चढ़ाकर खत्म कर दें। सार्वजनिक स्थान पर वैगनआर कार में शराब पीने से रोकने पर धर्मेंद्र ने सिपाही को उसके मामलों में ज्यादा हस्तक्षेप करने की बात कहते हुए तेरी औकात क्या है जैसे शब्दों का प्रयोग किया था।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 30 Sep 2024 08:16 PM (IST)
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अधमरा होने तक सिपाही को कुचलता रहा धर्मेंद्र।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बाहरी दिल्ली के नांगलोई में सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने से रोकने पर वैगनआर कार सवार द्वारा नांगलोई थाने के सिपाही संदीप मलिक को कुचलकर मार डालने के मामले में कई खौफनाक बातें सामने आई हैं। कार चालक धर्मेंद्र उर्फ भंडरे अपने साथी के उकसाने पर मरणासन्न होने तक सिपाही को कुचलता रहा।

तेज आवाज में उकसाते हुए रजनीश (गिरफ्तार) ने कहा था, भाई भंडरे आज इस संदीप बीट वाले पर कार चढ़ाकर खत्म कर दें। उसके बोलते ही गुस्से में आकर धर्मेंद्र ने कार की रफ्तार बढ़ा सिपाही की बाइक को पीछे से टक्कर मार दी।

दूसरी कार में फंसने पर भी नहीं रोकी कार

टक्कर लगते ही सिपाही बाइक लेकर नीचे गिर गए। इसके बाद भी धर्मेंद्र ने कार नहीं रोकी और सिपाही को सड़क पर घसीटते हुए काफी दूर तक ले गया। संदीप जब आगे खड़ी एक दूसरी कार में जाकर फंस गए, इसके बाद भी उसने कार नहीं रोकी और स्पीड बढ़ाकर उनको टक्कर मारता रहा।

दो कारों के बीच में फंसे थे संदीप

लहूलुहान होकर संदीप दो कारों के बीच फंस गए। इस दौरान बाइक से पीछे से आ रहे उनके दो साथी सिपाही जब वहां पहुंचे तब धर्मेंद्र कार को स्टार्ट छोड़ उतर कर मौके से भाग गया। दोनों पुलिसकर्मियों ने कार में चालक के बगल वाली सीट पर बैठे धर्मेंद्र के साथी रजनीश को दबोच लिया।

साथ में रहने वाले सिपाही ने दर्ज कराई एफआईआर

सिपाही खुशीराम की शिकायत पर नांगलोई थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। शिकायत में उन्होंने कहा है कि वह वीना एन्क्लेव, नांगलोई में सिपाही संदीप व सिपाही सचिन के साथ रहते हैं। वह मूलरूप से अलवर राजस्थान के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती रणहोला थाने में है।

इससे पहले सात माह तक उनकी तैनाती नांगलोई थाने में थी। नांगलोई में रहने के दौरान जब वह बीट नंबर चार वीना एन्क्लेव में बीट ऑफिसर थे तभी उन्होंने संदीप व सचिन के साथ किराए पर घर लिया था। सचिन की तैनाती भी रणहोला थाने में थी।

उसी रात को संदीप से हुई थी मुलाकात

29 सितंबर की देर रात दो बजे ड्यूटी खत्म कर खुशीराम जब सचिन के साथ बाइक से वीना एन्क्लेव स्थित अपने फ्लैट पर जा रहे थे, तभी उन्हें संदीप मलिक नांगलोई मेट्रो स्टेशन के पास बाइक से ड्यूटी करते हुए मिल गए। संदीप ने उन्हें बताया कि उनके बीट एरिया में रात में चोरी की वारदात ज्यादा बढ़ गई हैं, इसलिए एसएचओ ने उन्हें सादे कपड़ों में बाइक से गश्त करने को कहा है।

स्कूल के पास खड़ी थी सफेद कार

दो बाइक पर सवार होकर तीनों सिपाही जब नांगलोई रेलवे रोड के पास पहुंचे तब उनकी नजर एक सरकारी स्कूल के पास सफेद रंग की वैगनआर पर पड़ी। संदीप ने जब कार के पास जाकर बाइक रोकी तब अंदर दो शख्स शराब पीते हुए दिखाई दिए। चालक सीट पर धर्मेंद्र बैठा था।

आरोपी ने अभद्र भाषा का किया इस्तेमाल

वीना एन्क्लेव में उसका घर होने के कारण संदीप उसे पहचान गए। उन्होंने जब धर्मेंद्र को सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने से मना किया तब उसने कहा कि वह उसके मामलों में ज्यादा हस्तक्षेप क्यों करता है, ज्यादा रोक-टोक क्यों करता है। उसने संदीप को तेरी औकात क्या है जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल किया।

पहले संदीप ने कार सवारों का पीछा किया शुरू

इस पर संदीप ने दोनों को थाने चलने को कहा, तब कार सवार आरोपी तेजी से नांगलोई रेलवे स्टेशन की तरफ चल दिए। संदीप ने दोनों का पीछा शुरू कर दिया। संदीप को पीछा करते देख खुशीराम व सचिन ने भी पीछा करना शुरू कर दिया। धर्मेंद्र ने जाट धर्मशाला, वीना एन्क्लेव के पास गली में कार रोक दी।

भाई आज इसे खत्म कर देते हैं...

तीनों सिपाहियों के वहां पहुंचने पर धर्मेंद्र वहां से भी चल दिया। संदीप ने बाइक तेज चलाते हुए धर्मेंद्र को जब कार रोकने के कहा तब उसने कार नहीं रोकी। बार-बार पीछा करते देख चालक के बगल वाली सीट पर बैठे रजनीश ने तेज आवाज में बोलते हुए कहा कि भाई भंडरे आज इस संदीप बीट वाले पर गाड़ी चढ़ाकर इसको खत्म कर दें।

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रजनीश को साथियों ने पकड़ा

उसके बोलते ही धर्मेंद्र ने कार की रफ्तार बढ़ाकर संदीप की बाइक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। वारदात के बाद धर्मेंद्र मौके से कार को छोड़कर भाग गया। रजनीश को संदीप के साथी पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया।

सिपाही को लहूलुहान व बेहोश देखकर पहले उन्हें तुरंत पास के सोनिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से उन्हें बालाजी एक्शन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अत्यधिक खून बहने व सिर में गंभीर चोट लगने से उनकी मौत हो गई।

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