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दिल्ली दंगा: स्पेशल इंवेस्टिगेशन सेल की निगरानी में होगी जांच और पैरवी

दिल्ली दंगो को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने 5 सदस्यों की एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन सेल(SIC) बनाई है। इसके हेड सेंट्रल जोन के स्पेशल कमिश्नर होंगे। एसआईसी का गठन नार्थ ईस्ट दंगो को लेकर दर्ज मामलों की इन्वेस्टिगेशन को तेज करना और स्ट्रीमलाइन करना है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 08:58 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 08:58 PM (IST)
दिल्ली दंगा: स्पेशल इंवेस्टिगेशन सेल की निगरानी में होगी जांच और पैरवी
दिल्ली दंगो को लेकर पुलिस कमिश्नर ने बनाई 5 सदस्यों की एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन सेल

 नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने गत वर्ष उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की जांच की निगरानी के लिए एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन सेल (एसआइसी) का गठन किया है। मामलों की जांच में तेजी लाने और सुचारू करने के अलावा उचित निगरानी व पैरवी के लिए मध्य जोन के विशेष पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता में सेल का गठन किया गया है। सेल में सदस्य के रूप में पूर्वी रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त, उत्तरी-पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त व अतिरिक्त उपायुक्त भी हैं। जो मामले अदालत में विचाराधीन हैं, उनकी निगरानी के लिए सेवानिवृत्त एसीपी केजी त्यागी को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है।

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सेल सभी लंबित मामलों की जांच व सुनवाई का जायजा लेगी और दंगा मामलों की त्वरित जांच और प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध रणनीति बनाएगी। सभी वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्यों को रिकार्ड में लाना होगा। सेल अदालत में तेजी से सभी पूरक आरोपपत्र दायर करना सुनिश्चित करेगी। सेल की टीम यह भी सुनिश्चित करेगी कि सभी गवाह और जांच अधिकारी समय पर अदालत में पेश हो।

इसके साथ ही जिन मामलों में फारेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के परिणाम लंबित हैं, उनमें एफएसएल निदेशक के साथ व्यक्तिगत तौर पर बातचीत की जाएगी और तेजी से परिणाम जारी करने का आग्रह किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने दंगों के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सेवारत रहे और इन मामलों में सहयोग करने वाले 14 पुलिस अधिकारियों को भी सेल में शामिल किया है। जो शेष जांच पूरी करने में मदद करेंगे। कड़कड़डूमा अदालत ने पिछले हफ्ते ही दंगा मामलों की जांच और पैरवी को लेकर नाराजगी जताई थी। अदालत ने कहा था कि शीर्ष अधिकारियों ने उचित अभियोजन के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।


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