देश में 100 से अधिक लोगाें को ठगने वाले साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़, दो आरोपित गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस साइबर सेल ने देशव्यापी साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह फर्जी लोन कॉल सेंटर टेलीकॉम धोखा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए देशभर में फैले संगठित साइबर अपराध गिरोह के दो और सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह फर्जी लोन कॉल सेंटर, टेलीकॉम धोखाधड़ी और सेक्सटॉर्शन जैसे अपराधों में लिप्त था। गिरफ्तार आरोपियों में एक POS एजेंट और दूसरा नकली बैंक खातों का सप्लायर शामिल है।
क्राइम ब्रांच साइबर सेल के उपायुक्त आदित्य गौतम ने बताया कि अब तक बरामद सिम कार्ड और खातों को देशभर से साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज 60 से अधिक शिकायतों से जोड़ा गया है।
ग्राहकों के बायोमीट्रिक डेटा पर चोरी से जारी कर लेता था सिम
पुलिस सिम कार्ड सप्लायर मनीष उर्फ हिमांशु काे पकड़ा है, जोकि वोडाफोन-आइडिया का प्वाॅइंट ऑफ सेल एजेंट था। आधार-बायोमेट्रिक डेटा के जरिये सिम जारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
वह ग्राहकों को यह कहकर गुमराह करता था कि बायोमेट्रिक स्कैन फेल हो गया है और चुपचाप उसी आधार पर दूसरा सिम जारी कर देता था।
बाद में यह सिम साइबर अपराधियों को बेच दिए जाते थे। उसके पास से 5 सक्रिय सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। मनीष पहले से गिरफ्तार साइबर ठग उज्जवल पांडे को भी सिम सप्लाई करता था।
फर्जी बैंक खातों में सेक्सटॉर्शन से आई रकम जमा होती थी
दूसरा आरोपित है विपिन कुमार, जो सेक्सटॉर्शन रैकेट में बैंक खाते सप्लाई करता था। वह राजस्थान के अलवर का रहने वाला है।
उसे दिल्ली के आरके आश्रम मेट्रो स्टेशन के पास से एक सिंथेटिक बैंक अकाउंट किट के साथ गिरफ्तार किया गया। उसके पास से इंडसइंड बैंक की खाता किट और एक वीजा डेबिट कार्ड बरामद हुआ।
पूछताछ में उसने बताया कि उसे इंस्टाग्राम के माध्यम से आरोपित जाहिद ने भर्ती किया था और प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर 20 प्रतिशत कमीशन, मुफ्त यात्रा और लक्जरी होटल में ठहरने का लालच दिया गया था।
उसने अब तक 8 फर्जी खाते बनाए, जिनमें से 3 उसके अपने नाम पर हैं। उसने स्वीकार किया कि उसने इस अपराध से 6 लाख की कमाई की और दिल्ली में ब्रांडेड शॉपिंग, लग्जरी होटलों और नाइटलाइफ में खर्च किया।
गिरोह देश में 100 से अधिक लोगों को ठग चुका है
अब तक पूरे भारत में 100 से अधिक पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है। गिरफ्तार आरोपियों से बरामद सिम कार्ड और बैंक खाते 60 से अधिक शिकायतों से जुड़े पाए गए हैं।
इस ऑपरेशन का नेतृत्व इंस्पेक्टर मनजीत कुमार ने किया। उनकी टीम में एसआई जगसीर सिंह, एएसआई कंवर पाल, एचसी विपिन कुमार, एचसी अनुज कुमार, एचसी राजेश कुमार, कांस्टेबल बिजेंद्र और कांस्टेबल सुरेश पाल शामिल थे। इनकी मेहनत और तालमेल से यह बड़ा साइबर गिरोह बेनकाब हो सका।

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