Delhi Cop Murder: सिपाही को कुचलकर मारने वाला आरोपी करनाल से गिरफ्तार, हत्या के बाद जानिए पहले कहां गया था आरोपी
हिमाचल से बस से करनाल की तरफ आते ही पुलिस टीम ने बस से मुख्य आरोपी धर्मेंद्र को दबोच लिया। वैगनआर कार के मालिक अमित को भी आरोपी बनाने पर पुलिस विचार कर रही है। नांगलोई थाने के सिपाही संदीप को धर्मेंद्र ने कार से कुचलकर मार डाला था। उसके साथ बगल में रजनीश भी बैठा था जिसने उसे उकसाया ता।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नांगलोई में सिपाही संदीप मलिक को कार से कुचलकर मार डालने वाले मुख्य आरोपी धर्मेंद्र को भी बाहरी जिला पुलिस ने सोमवार शाम हरियाणा के करनाल बाइपास से दबोच लिया है। 29 सितंबर की देर रात वारदात के बाद वह हिमाचल प्रदेश भाग गया था। वहां से बस से वह करनाल की तरफ आ रहा था।
उसके मोबाइल लोकेशन के आधार पर पीछा करते हुए पुलिस टीम ने उसे करनाल बाइपास पर एक बस को रूकवा कर गिरफ्तार कर लिया। इसके साथी रजनीश को पुलिस ने घटना के दौरान ही मौके से दबोच लिया था। दोनों वीना एन्क्लेव नांगलोई के रहने वाले हैं। वीना एन्क्लेव में ही संदीप भी दो साथी सिपाहियों के साथ किराए पर रहते थे।
कार मालिक को भी आरोपी बनाने पर विचार
धर्मेंद्र ने जिस वैगनआर कार से संदीप को कुचला था, वह उसके साथी अमित की है। पुलिस अमित को भी आरोपी बनाने पर विचार कर रही है। कार कुछ समय से धर्मेंद्र के पास ही रहती थी। सोमवार को पुलिस टीम ने मौका ए वारदात पर जाकर सीन रिक्रिएशन किया। एफएसएल की टीम ने कार से नमूने उठाए।
अपनी गली के पास मारी टक्कर
वीना एन्क्लेव में धर्मेंद्र ने अपनी गली के पास ही सिपाही को टक्कर मारी थी। वहां से 200 मीटर दूर संदीप भी किराये पर साथियों के साथ रहते थे। मकान मालिक अशोक कटारिया ने बताया कि तीनों सिपाही वहां पर एक वर्ष से ज्यादा समय से रह रहे थे और उन्होंने साढ़े पांच हजार रुपये किराये पर फ्लैट लिया है।
मकान मालिक को मिली कॉल
शनिवार रात को वह अपने घर पर सो रहे थे। रात ढाई बजे उनके पास संदीप के रूममेट सचिन की तीन मिस कॉल आ रखी थी। चौथी बार सचिन ने कॉल किया तो उन्होंने उठा लिया। उन्हें बताया गया कि संदीप सड़क दुर्घटना में घायल हो गए हैं। वे लोग उसे लेकर अस्पताल जा रहे हैं।
संदीप का पड़ा मिला मोबाइल
संदीप का मोबाइल वहीं रह गया है। जब वह मौके पर पहुंचे तो देखा कि वहां पर संदीप की बाइक क्षतिग्रस्त हालत में पड़ी हुई थी और पास में एक और बाइक खड़ी हुई थी। आसपास खून बिखरा हुआ था। उन्हें वहां संदीप का मोबाइल नहीं मिला।
दोबारा आई मौत की खबर वाली कॉल
क्षतिग्रस्त बाइक को जब वह घर ले जाने लगे तब उन्हें दोबारा सचिन ने कॉल कर बताया कि संदीप की मौत हो गई है। वह बाइक को वहीं पर छोड़ दें। इसके बाद वह बाइक को घटनास्थल पर ही छोड़कर अपने घर आ जाए।
अशोक के मौके पर पहुंचने से पहले एक और युवक ने बाइक को दुर्घटनाग्रस्त देखा था। उन्होंने बताया कि वह करीब ढाई बजे काम से अपने घर लौट रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि गली के बाहर एक बाइक क्षतिग्रस्त पड़ी थी। धर्मेंद्र ने एक दोस्त के नाम पर सिम ले रखी थी।
धर्मेंद्र के घर पर सोमवार शाम को महिला व पुरुष पुलिस कर्मी तैनात थे। घर के अंदर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा था और न ही किसी को अंदर आने दिया जा रहा था। धर्मेंद्र के बारे में जब पड़ोसियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उसके पास एक बाइक है। उसे ठीक से कार नहीं चलानी आती थी। उसके पास कार चलाने का लाइसेंस भी नहीं है। पहली बार उसे इलाके के लोगों ने कार में देखा था।