EXCLUSIVE: दिल्ली के इस इलाके में ओयो के खिलाफ एकजुट हुए होटल, कहा- 'नो मोर ओयो'
दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में जगह-जगह ‘नो मोर ओयो’ के बोर्ड टंगे हैं जिनमें लिखा है कि ओयो बुकिंग पहाड़गंज में स्वीकार नहीं है। इससे ग्राहक परेशान हैं।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। पहाड़गंज के कुछ होटलों में एप आधारित कंपनी ओयो के ग्राहकों को नो एंट्री है। बुकिंग के बाद भी होटल संचालक उन्हें कमरा देने से इन्कार कर रहे हैं। इलाके में जगह-जगह ‘नो मोर ओयो’ के बोर्ड टंगे हैं, जिनमें लिखा है कि ओयो बुकिंग पहाड़गंज में स्वीकार नहीं है। इससे ग्राहक परेशान हैं। एक होटल के संचालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इसके पीछे कमरों का किराया काफी कम होना, छोटी-छोटी बातों पर पैसे काटना और करार की शर्तो को लेकर आने वाली दिक्कतें हैं।
एक हजार से ज्यादा हैं होटल ओर गेस्ट हाउस
पहाड़गंज में एक हजार से अधिक होटल और गेस्ट हाउस हैं। बजट होटल (जिनके कमरों का किराया कम होता है) के कारण यह देशी-विदेशी पर्यटकों की जेब के मुफीद बैठता है। इस कारण यहां रोजाना हजारों पर्यटक ठहरते हैं। पर्यटकों के बीच एप आधारित कंपनियां लोकप्रिय हो रही हैं, क्योंकि वे बिना किसी परेशानी के सस्ते कमरे उपलब्ध करा रही हैं। पहाड़गंज में ही 200 से अधिक होटल ओयो से जुड़े हैं।
1200 रुपये का होटल 300 में देने के लिए कह रही
पहले तो सब ठीक चल रहा था, लेकिन अब कुछ होटल संचालकों और एप आधारित कंपनी के बीच तकरार की बात सामने आ रही है। एक होटल संचालक के मुताबिक पहले जिस कमरे का किराया औसतन 1200 रुपये प्रतिदिन का था, उसे यह कंपनी 300 रुपये पर देने को कह रही है। कई मदों में पैसे भी काट रही है।
ग्राहक की शिकायत पर काटा जाएगा पैसा
ग्राहक की शिकायत पर भी पैसा काटा जा रहा है। बुकिंग का पैसा कई महीने की देरी से दिया जा रहा है। होटल संचालक इससे घाटे में जाने लगे हैं। इसलिए बुकिंग से इन्कार किया जा रहा है। होटल महासंघ के अध्यक्ष अरुण गुप्ता का कहना है कि शुरू के दिनों में कमरों का किराया अच्छा मिलता था, लेकिन अब कंपनी होटल संचालकों को घाटे में कारोबार करने को कह रही है। इसलिए विरोध होने लगा है।
ओयो ने आरोपों से किया इन्कार
ओयो के प्रवक्ता ने होटल मालिकों के आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि पहले कमरे का किराया अधिक था, लेकिन बुकिंग कम थी। ओयो के कारण किसी-किसी होटल के कमरों की बुकिंग 100 फीसद तक है। इसी तरह कंपनी की प्राथमिकता में ग्राहक पहले हैं। इसलिए उनकी शिकायत पर होटलों पर कार्रवाई होती है। प्रवक्ता ने दावा करते हुए कहा कि कुछ लोग विरोध में है, लेकिन उनकी संख्या काफी कम है। उनकी शंकाओं को भी दूर करने का प्रयास हो रहा है।