Delhi Coaching Center: बाथरूम के जरिये भी बेसमेंट में भरा था पानी, नियमों के दुरुपयोग की खुल रही परतें
Delhi Coaching Center Incident कोचिंग सेंटर मामले में परत दर परते खुल रही हैं। जांच में सामने आ रहा है कि कई जगहों पर नियमों का दुरुपयोग किया गया था। साथ ही भवन निर्माण के लिए बने नक्शे की खामी भी पता लगी है। अब बेसमेंट में नियमों के खिलाफ चार बाथरूम बनाने की बात सामने आई है क्योंकि बेसमेंट की मंजूरी केवल स्टोरेज के लिए मिली थी।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल की घटना धीरे-धीरे परत दर परत खुल रही है और भवन निर्माण नियमों के दुरुपयोग की सच्चाई सामने आ रही है। साथ ही भवन निर्माण के लिए बने नक्शे की खामी भी पता लगी है।
इसकी वजह से वर्षा का पानी सड़क पर जलजमाव होने की वजह से बेसमेंट में घुस गया, तो वहीं, सीवर के बैक मारने (वापस आने) की वजह से भी परेशानी और बढ़ गई।
नियमों के खिलाफ बनाए बाथरूम
अब बेसमेंट में नियमों के खिलाफ चार बाथरूम बनाने की बात सामने आई है। क्योंकि बेसमेंट की मंजूरी केवल स्टोरेज के लिए मिली थी, ऐसे में यहां बाथरूम बन ही नहीं सकते थे।
इमारत के पीछे सीवर से जुड़ा था बाथरूम का कनेक्शन
सूत्रों ने बताया कि इमारत की बैक लेन (पिछले हिस्से) में मौजूद सीवर लाइन से बेसमेंट में मौजूद चार बाथरूम का कनेक्शन जुड़ा हुआ था। ऐसे में स्टडी सर्किल के मुख्य द्वार से पानी जमा होने पर तो इमारत में घुसा ही बल्कि बेक लैन में मौजूद सीवर लाइन ने बाथरूम के जरिये भी बैक मार दिया था।
सीवर का भी भरने लगा पानी
इसकी वजह से बेसमेंट में पानी तेज रफ्तार से भरने लग गया। निगम के अधिकारियों को बेसमेंट के सीवरेज लाइन के कनेक्शन में रिसाव भी मिला है। ऐसे में बैकलेन से सड़क का पानी और सीवरेज का भी पानी भी बेसमेंट में गया, इसकी भी प्रबल संभावना है।
निगम अधिकारियों ने किया था दौरा
सूत्र बताते हैं कि निगम अधिकारियों ने बेसमेंट का दौरा किया, तो बेसमेंट में करीब 50 कुर्सियां और लाइब्रेरी में उपयोग होने वाले वर्क स्टेशन मिले। साथ ही लाइब्रेरी में पढ़ने वाले छात्रों के उपयोग के लिए यहां चार बाथरूम भी बने हुए पाए गए हैं। जिससे फ्लश से सीवर बैक मारने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बेसमेंट में पहले भी भर चुका है पानी
यह पहली बार नहीं है कि इमारत के बेसमेंट में पानी भरा हो। इससे पहले भी बेसमेंट में पानी भरने की घटनाएं होती रही हैं। बीते वर्ष भी मानसून के दौरान यह घटना हुई थी। सूत्रों के अनुसार 27 जुलाई की शाम को जब घटना हुई, तो बेसमेंट से पानी निकालने का कार्य चल रहा था लेकिन 12 घंटे में पूरी तरह पानी निकल पाया।
इस दौरान निरीक्षण जब किया गया था, तो बैक लेन का सीवर सामान्य से भी कम मात्रा में चल रहा था। यानी इसकी पूरी संभावना है कि सीवर लाइन का पानी बाथरूम के कनेक्शन के जरिये बेसमेंट तक पहुंच गया। ऐसे में दोनों तरफ से आए पानी से बेसमेंट में बहुत तेजी से बेसमेंट को भर दिया।
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निगम के एक अधिकारी ने बताया पानी रिस-रिस कर बेसमेंट में आ रहा है, जिसे मोटर पंपों के माध्यम से निकाला जा रहा है। संभवत: यह पानी सीवरेज के बैक मारने का ही। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी जांच कर रहे हैं। साथ ही इसको लेकर दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) से भी पत्र व्यवहार किया जाएगा।