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Delhi: दिल्ली विधानसभा में देखना है ब्रिटिश काल का बना हुआ फांसी घर और आज का कोरोना योद्धा स्मारक तो नोट कर लें दिन और समय

Delhi Assembly पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का सत्र नहीं होने पर लोगों को इन दोनों स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाएगी। फांसी घर का इस्तेमाल स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी देने के लिए किया जाता था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 09 Aug 2022 02:47 PM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2022 02:47 PM (IST)
Delhi: दिल्ली विधानसभा में देखना है ब्रिटिश काल का बना हुआ फांसी घर और आज का कोरोना योद्धा स्मारक तो नोट कर लें दिन और समय
Delhi Assembly: दिल्ली का विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद आम लोग यहां फांसी घर को देख सकेंगे।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Delhi Assembly: दिल्ली स्थित पुरानी विधानसभा में ब्रिटिश काल का फांसी घर बना हुआ है। ये फांसी घर अंग्रेजों के जमाने का बनाया हुआ है। इस फांसी घर को देखने के लिए लोग काफी उत्सुक भी है। लोक निर्माण विभाग ने बीते साल सितंबर माह में इसके रिनोवेशन का काम शुरू किया था, उसे पूरा कर लिया गया है।

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अधिकारियों ने तय किया है कि इसे आम लोगों को भी दिखाया जाए। मगर अभी तक इसे दिखाने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। अब ये स्पष्ट कर दी गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कोरोना योद्धा स्मारक का अनावरण किया। इसी के साथ केजरीवाल ने विधानसभा में संग्रहालय के रूप में विकसित किए गए अंग्रेजों के जमाने के ऐतिहासिक फांसीघर का लोकार्पण किया।

कोरोना योद्धा स्मारक पर 31 लोगों के नाम लिखे गए हैं। ये वे लोग हैं कोरोना के दौरान जनता की सेवा करते हुए जिनका निधन हो चुका है। इनके परिवार के लोगों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया और इन्हे सम्मानित किया गया। केजरीवाल ने कहा कि जिन कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान गंवाई है, उसकी पूर्ति नहीं हो सकती है।

मगर यहां जिन कोरोना योद्धाओं के नाम लिखे गए हैं, इनके परिजनों को सरकार एक एक करोड़ की राशि दे चुकी है। दिल्ली पहला राज्य है जिसने इतनी मदद की है। वहीं। केजरीवाल ने कहा कि लोगों को इस फांसीघर को देखने के लिए जरूर आना चाहिए।

दिल्ली विधानसभा का निर्माण 1911 में किया गया था और देश की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित करने के बाद इसे केंद्रीय विधान सभा के रूप में इस्तेमाल किया गया था। महामारी के दौरान समाज के प्रति अपने सर्वोच्च बलिदान और उल्लेखनीय कार्यों के लिए डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों और शिक्षकों सहित कोविड योद्धाओं को सम्मानित करने के लिए कोरोना युद्ध स्मारक बनाया गया है।

पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का सत्र नहीं होने पर लोगों को इन दोनों स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाएगी। 'फांसी घर' का इस्तेमाल स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी देने के लिए किया जाता था। अधिकारियों ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस से पहले 'फांसी घर' और कोरोना योद्धा स्मारक खोलने का लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।

लोग अब नवनिर्मित ब्रिटिश काल के "फांसी घर" (Hanging House) को देख सकेंगे। दिल्ली विधानसभा परिसर का उद्घाटन मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान परिसर में बनाए गए एक 'कोरोना वारियर्स मेमोरियल' का भी अनावरण किया।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल और उपमुख्यमंत्री राखी बिड़ला भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण दिल्ली विधानसभा में 'फांसी घर' के अलावा मुख्य भवन के सेंट्रल हॉल के नीचे एक सुरंग भी है। अधिकारियों ने कहा कि यह अनुमान लगाया गया है कि सुरंग विधान सभा और लाल किले को जोड़ती है।


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