Delhi Nizamuddin Markaz: नेगेटिव रिपोर्ट पर भी नहीं मिलेगी मरकज के लोगों को अस्पताल से छुट्टी
Delhi Nizamuddin Markaz जिन मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है उनमें भी खांसी बुखार जैसे कोरोना के लक्षण हैं। ऐसे में अब इन्हें भी डॉक्टरों की निगरानी में ही रखा जाएगा।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Delhi Nizamuddin Markaz: दक्षिण दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज जमात से निकालकर राजीव गांधी सुपर स्पेशियलटी, लोकनायक व जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराए गए ज्यादातर लोगों की रिपोर्ट आ चुकी है। इसमें 182 लोग अब तक कोरोना से पीड़ित मिले हैं। इसमें कुछ एम्स के झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) में भी भर्ती हैं। जिन मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, उन्हें भी अस्पताल से अभी छुट्टी नहीं मिलेगी, क्योंकि उनमें भी खांसी, बुखार जैसे कोरोना के लक्षण हैं। ऐसे में अब इन्हें भी डॉक्टरों की निगरानी में ही रखा जाएगा।
दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय का भी यही कहना है। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग अब राजधानी में किसी तरह का जोखिम उठाना नहीं चाहता है। डॉक्टर कहते हैं कि रिपोर्ट नेगेटिव आने का मतलब यह नहीं है कि वे कोरोना के संक्रमित नहीं हो सकते हैं। जिन लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है उनमें भी अभी बुखार, खांसी व दर्द जैसे लक्षण हैं। इसलिए हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाए।
दरअसल कोराना के संक्रमण की स्थिति 2-14 दिन में स्पष्ट हो पाती है। ऐसे में जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव हैं, उन्हें भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में मरकज के 133 लोग भर्ती कराए गए थे। इन सभी की जांच रिपोर्ट आ गई है। इसमें से 69 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और करीब 64 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। लोकनायक अस्पताल में तब्लीगी जमात के 188 लोग भर्ती कराए गए हैं। एक दिन पहले तक इस अस्पताल में कोरोना के 10 मरीज थे। लेकिन तब तक मरकज से लाए गए लोगों की जांच रिपोर्ट नहीं आई थी। गुरुवार को इनमें से ज्यादातर लोगों की रिपोर्ट आ गई है। इस वजह से इस अस्पताल में कोरोना पीडि़तों की संख्या 83 हो गई है।
बताया जा रहा है कि लगभग सभी मरीज मरकज के ही हैं। इस अस्पताल में भी कई मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।एम्स के एनसीआइ में 52 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव एम्स के झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) में भी निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज से निकाले गए लोग भर्ती कराए गए हैं। इसमें से 55 में से 52 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एनसीआइ में 12 लोग पॉजिटिव हैं। इसमें विदेश से आए एक व्यक्ति को क्वारंटाइन केंद्र से सीधे एनसीआइ में भर्ती करा दिया गया है।
तीन दिन में तीन गुना बढ़े मामले
दिल्ली में खतरे की घंटी यह है कि 30 मार्च के बाद दिल्ली में मरीजों की संख्या तीन गुना हो गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह तब्लीगी जमात बनी है। 30 मार्च तक दिल्ली में कुल 97 मामले सामने आए थे, जो तीन दिन में ही बढ़कर 293 हो गए हैं। दिल्ली में पहला मामला दो मार्च को आया था। 100 मामले आने में करीब 29 दिन लगे और 31 मार्च को कुल मामले 120 हो गए।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- 30 मार्च- 25 नए मामले मिले, इसमें छह मामले मरकज के थे। इससे कुल मामले 97 पहुंच गए।
- 31 मार्च- 23 नए मामले मिले, इसमें मरकज के 18 लोग शामिल थे। कुल मामले 120 हुए।
- 1 अप्रैल- 32 नए मामले मिले। इसमें मरकज के 29 लोग शामिल थे। कुल मामले 152 हो गए।
- 2 अप्रैल- 141 नए मामले मिले, इसमें मरकज के 129 व अन्य 12 लोग शामिल।
- अब तक कुल मामले- 293