लास्ट माइल कनेक्टिविटी को मिल सकेगी रफ्तार, 1500 ई-स्कूटर लेकर आ रही है दिल्ली सरकार
सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शनिवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ई-स्कूटर चलाने का निर्णय लिया गया। बैठक के बाद प्रेस वार्ता में केजरीवाल ने बताया कि ई-स्कूटर का पायलट प्रोजेक्ट द्वारका में शुरू होगा। यहां 250 जगहों पर 1500 ई-स्कूटर उपलब्ध कराए जाएंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। लास्ट माइल कनेक्टिविटी को रफ्तार देने के लिए दिल्ली सरकार 1,500 ई-स्कूटर लाने जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शनिवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ई-स्कूटर चलाने का निर्णय लिया गया। बैठक के बाद प्रेस वार्ता में केजरीवाल ने बताया कि ई-स्कूटर का पायलट प्रोजेक्ट द्वारका में शुरू होगा। यहां 250 जगहों पर 1,500 ई-स्कूटर उपलब्ध कराए जाएंगे। लोगों को ई-स्कूटर खुद चलाना होगा और इसके लिए टिकट भी लेना होगा। इससे बस और मेट्रो में भी सफर कर सकेंगे। 250 लोकेशन में से कहीं से ई-स्कूटर ले सकेंगे और इनमें से किसी भी लोकेशन पर वापस छोड़ सकेंगे।
उन्होंने बताया कि 12 महीने के अंदर ई-स्कूटर आ जाएंगे, जो मेट्रो स्टेशन, बस स्टाप, अस्पताल समेत सभी भीड़ वाली जगहों पर उपलब्ध होंगे। ई-स्कूटर में स्वैपेबल बैट्री होगी और फुल चार्ज पर अधिकतम 60 किमी. प्रति घंटे की गति से 60 किलोमीटर तक यात्रा की जा सकेगी। बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मुख्य सचिव समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने बहुत सारी बसें खरीद ली हैं और मेट्रो भी अच्छी चल रही है, लेकिन लास्ट माइल कनेक्टिविटी अभी भी प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। किसी भी नागरिक की लास्ट माइल कनेक्टिविटी और सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। इसीलिए हम ई-स्कूटर ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिस एजेंसी के साथ एग्रीमेंट होगा, चार महीने के अंदर उसके 100 लोकेशन पर 500 स्कूटर आ जाएंगे। फिर अगले चार महीने में 100 लोकेशन पर 500 स्कूटर, जबकि उसके अगले चार महीने में शेष सभी लोकेशन पर 500 स्कूटर आ जाएंगे। यह अनुबंध एजेंसी को सात वर्ष के लिए दिया जाएगा। जो कंपनी लोगों से सबसे कम चार्ज करने को कहेगी, उसी को यह अनुबंध दिया जाएगा।
सेल्फ ड्राइव स्कूटर शेयरिंग का महत्व
दिल्ली के उच्च आबादी घनत्व वाले इलाकों में ई-स्कूटर की सेवाएं ट्रैफिक को कम कर सकती हैं और लोगों को सार्वजनिक परिवहन से जुड़ने में मदद कर सकती हैं। एक आदर्श ई-स्कूटर शेयरिंग प्लेटफार्म सस्ता और टिकाऊ होना चाहिए। यह सतत पर्यावरण विकास के अनुकूल परिवहन है, जिससे कनेक्टिविटी बढ़ती है और सवारियां इसे सार्वजनिक परिवहन की तरह इस्तेमाल कर सकती हैं।
ई-स्कूटर की क्षमता
ई-स्कूटर में स्कैन करने के लिए क्यूआर कोड, ब्लूटूथ कनेक्टिविटी, सीट के नीचे हेलमेट का प्रविधान, एर्गोनोमिक डिजाइन, जीपीआरएस के साथ जीपीएस, हाइड्रोलिक सस्पेंशन के साथ ट्यूबलेस टायर, स्वैपेबल बैटरी प्लस बीएमएस, 150 किग्रा भार क्षमता तक शामिल होंगी।
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