Move to Jagran APP

Delhi News: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बोले- कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के लिए केंद्र को जो भी करना हो वो करें, हालात चिंताजनक

रजनी बाला और विजय कुमार की हत्या हुई उससे हिंदुओं के मन में खौफ घर कर रहा है और वे पलायन की बात कर रहे हैं। यदि वे समचमुच घाटी छोड़कर चले जाते हैं तो पाकिस्तान और उसकी परस्ती में फल फूल रहे आतंकी संगठनों का एजेंडा पूरा हो जाएगा।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 03 Jun 2022 06:06 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jun 2022 06:06 PM (IST)
Delhi News: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बोले- कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के लिए केंद्र को जो भी करना हो वो करें, हालात चिंताजनक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कश्मीर के हालात पर चिंता जाहिर की है।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कश्मीर के हालात पर बयान जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में कश्मीर में जो स्थिति बनी है उससे पूरा देश चिंतित है। एक पलायन 1990 के आसपास हुआ था और अब वहां से दूसरी बार पलायन हो रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को जिस तरह से निशाना बनाकर उनकी हत्या की जा रही है वो चिंता का विषय है।

loksabha election banner

कश्मीर के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने केंद्र से गुज़ारिश है कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के लिए जो भी करने की ज़रूरत है वह करे। उनका कहना है कि सरकारों का हमारा मकसद कश्मीरियों को उनके घर में बसाना होना चाहिए, उन्हें उनके घर से क्यों उजाडा जा रहा है?

बीते दिनों कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों द्वारा दलित अध्यापिका रजनी बाला की हत्या के बाद घाटी में मौजूद हिंदुओं के बीच जो खौफ पैदा हुआ, उसे इसी जिले में एक बैंक मैनेजर विजय कुमार की टारगेट किलिंग ने और बढ़ा दिया है। वह मूलत: राजस्थान के थे। उनकी हत्या से पहले बडग़ाम जिले में कश्मीरी राहुल भट्ट की हत्या के बाद हिंदू कर्मचारियों ने कश्मीर के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया था और यह कहा था कि उनके सामने फिर से पलायन के अलावा और कोई राह नहीं दिखती।

चूंकि लगातार हो रही टारगेट किलिंग से घाटी में तैनात हिंदू कर्मचारियों और अन्य अल्पसंख्यकों में भय और असुरक्षा की भावना व्याप्त हो रही है, इसलिए वे मांग कर रहे हैं कि कश्मीर में सुरक्षा हालात पूरी तरह सामान्य होने तक उन्हें जम्मू संभाग में स्थानांतरण कर दिया जाए। आतंकियों ने पिछले 20 दिनों में सात लोगों को लक्ष्य बनाकर मौत के घाट उतारा है। यह आंकड़ा चिंतित करने वाला है।

जब केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन हालात लगातार बेहतर होने का दावा कर रहे हों तब आतंकियों का आम नागरिकों, खासतौर पर हिंदुओं को निशाना बनाना कितना परेशानी भरा है, यह गृहमंत्री अमित शाह की ओर से कश्मीर के हालात की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाने से होती है। अमित शाह कश्मीर की स्थिति की समीक्षा पिछले 15 दिनों में दूसरी बार कर रहे हैं। घाटी में कश्मीरी हिंदुओं के साथ देश के दूसरे हिस्सों के गैर कश्मीरियों की टारगेट किलिंग को देखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने घोषणा की है कि कश्मीर में तैनात अल्पसंख्यक समुदाय के सभी कर्मचारियों को छह जून तक सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

अभी तक लगभग साढ़े चार हजार कश्मीरी पंडितों को प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत सरकारी नौकरी दी गई है। इनमें से सभी कश्मीर में तैनात हैं। आतंकी बार-बार इस समुदाय को निशाना बनाकर उन्हें घाटी से पलायन करने के लिए मजबूर करना चाहते हैं। आतंकी संगठन लगातार वीडियो जारी कर कश्मीरी हिंदुओं और देश के दूसरे हिस्से के कर्मचारियों और अन्य लोगों को कश्मीर छोडऩे के फतवे जारी कर रहे हैं।

राहुल भट्ट की हत्या के बाद पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारियों ने कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों को आश्वस्त किया था कि उनकी सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी और दहशत फैलाने वालों को उनके अंजाम तक जल्द पहुंचाया जाएगा। ऐसा हुआ भी। पिछले कुछ दिनों में हुई टारगेट किलिंग में लिप्त आतंकियों को सुरक्षाबलों ने एक या दो दिन में ही मौत के घाट उतार कर माकूल बदला लिया। इसके बाद भी जिस तरह रजनी बाला और विजय कुमार की हत्या हुई, उससे हिंदुओं के मन में खौफ घर कर रहा है और वे पलायन की बात कर रहे हैं। यदि वे समचमुच घाटी छोड़कर चले जाते हैं तो पाकिस्तान और उसकी परस्ती में फल फूल रहे आतंकी संगठनों का एजेंडा पूरा हो जाएगा। स्पष्ट है कि पलायन को हर हाल में रोका जाना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.