Delhi News: भारत मंडपम ने बढ़ाया अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का क्रेज, ट्राइबल ज्वेलरी की ज्यादा मांग; खाने के स्टॉलों पर उमड़ रही भीड़
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में सोमवार को अंतिम दिन भी राजपत्रित अवकाश होने के चलते बड़ी संख्या में दर्शकों के पहुंचने की संभावना है। वैसे तो मेले में सभी हॉल और स्टॉल देखने लायक हैं लेकिन यहां आने वालों के लिए इस बार आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र भारत मंडपम ही है। मेले में आने वाले महिलाओं युवाओं और बच्चों की भारी भीड़ भारत मंडपम के आसपास देखी जा सकती है।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। भारत मंडपम ने प्रगति मैदान की शान ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का क्रेज भी बढ़ा दिया है। इसका अंदाजा इस साल यहां आए दिन पहुंच रहे दर्शकों की संख्या देखकर लगाया जा सकता है। आलम यह है कि रविवार को तो मेले में एक दशक का रिकार्ड टूट गया। डेढ़ लाख से अधिक दर्शकों ने मेले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
अभी सोमवार को अंतिम दिन भी राजपत्रित अवकाश होने के चलते इतनी ही संख्या में दर्शकों के पहुंचने की संभावना है। वैसे तो मेले में सभी हाल और स्टाल देखने लायक हैं, लेकिन यहां आने वालों के लिए इस बार आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र भारत मंडपम ही है। मेले में आने वाले बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों की भारी भीड़ भारत मंडपम के आसपास देखी जा सकती है।
मेले में लंबी लंबी कतारें लगीं
दिनभर लोगों में भारत मंडपम के साथ सेल्फी लेने या उसके आसपास फोटो खिंचाने की होड़ लगी रहती है। रविवार छुट्टी का दिन होने की वजह से हर किसी को पता था कि आज ज्यादा भीड़ होगी, इसलिए लोग सुबह से ही प्रवेश गेटों पर पहुंच गए थे। लंबी लंबी कतारें लगी हुई थीं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि अब से पहले एक लाख से अधिक लोगों को पहले कभी प्रवेश नहीं मिलता था।
इसलिए इस बार भी लोगों को यही लग रहा था कि कहीं एक लाख से अधिक लोग पहुंच गए तो उन्हें लौटना पड़ेगा। लेकिन मेला आयोजक भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) ने इस बार होल्डिंग एरिया बढ़ जाने से कोई कैपिंग नहीं लगाई। रविवार को देर शाम तक भी लोगों का मेले में जाने का सिलसिला जारी रहा।
मशरूम एवं मिलेट्स की धूम
दिल्ली मंडप में मशरूम एवं मिलेट्स के 15 से अधिक आर्गेनिक उत्पादों ने लोगों को खूब आकर्षित किया। यहां पर मशरूम के कुकीज, नमकीन एवं चाकलेट की लोगों ने जमकर खरीदारी की। मशरूम हब की संचालिका कामिनी ने बताया कि मशरूम एवं मिलेट्स के शुद्ध आर्गेनिक उत्पाद हैं।
ट्राइबल ज्वेलरी की ज्यादा मांग
कहीं ट्राइबल ज्वेलरी की बहार तो कहीं फैब्रिक ज्वेलरी का खुमार। झारखंड मंडप में आने वाले दर्शकों को राज्य का हस्तशिल्प कुछ इसी तरह अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। मंडप में दर्शक आदिवासी जनजातियों के हसली, कंगना, ठेला, पैरी, मटर लोला, मंडली, तरपत, बाजूबंद एवं झुप्पा सिकड़ी को काफी पसंद कर रहे हैं। झारखंड में लगभग 32 जनजातीय समूह हैं, जिनकी अपनी पारंपरिक हस्तशिल्प और कलाएं हैं।
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आइटीपीओ ने चलाया स्वच्छता अभियान
आइटीपीओ ने रविवार को प्रगति मैदान में स्वच्छता अभियान चलाया गया। इसके तहत मेला घूमने आए उन दर्शकों को सम्मानित भी किया गया, जिन्होंने इस अभियान का पालन करते हुए कूड़ेदान का इस्तेमाल किया। मेला एवं भारत मंडपम परिसर को स्वच्छ रहने में योगदान दिया।

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