दिल्ली-NCR पर छाई है प्रदूषण की गहरी चादर, चौंकाती हैं आपके शहर की ये तस्वीरें
जागरण के फोटो संवाददातओं ने बुधवार दोपहर को एनसीआर के शहरों में प्रदूषण की फोटो अपने कैमरे में कैद की हैं। ये फोटो चौंकाने वाली हैं। कैसे बनी ये स्थिति जानने के लिए पढ़ें ये खबर...
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण लगातार खतरनाक स्थिति में बना हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ऊपर प्रदूषण की चादर धीरे-धीरे मोटी होती जा रही है। बुधवार को ये स्थित और खतरनाक हो गई। बुधवार सुबह से ही दिल्ली-एनसीआर के शहरों के ऊपर प्रदूषण की मोटी चादर छाई हुई है। जागरण के फोटो संवाददातओं ने बुधवार को एनसीआर के शहरों में प्रदूषण की फोटो अपने कैमरे में कैद की हैं। ये फोटो चौंकाने वाली हैं।
मालूम हो कि दिल्ली-एनसीआर में हर साल दीपावली से ठीक पहले वायु प्रदूषण जानलेवा स्थिति में पहुंच जाता है। पिछले कुछ वर्षों से प्रदूषण को रोकने के तमाम सरकारी प्रयास किए जा रहे हैं, बावजूद स्थिति में ज्यादा कोई खास सुधार होता नहीं दिख रहा है। दिल्ली-एनसीआर में लोगों को प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने 1200 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज भी काफी पहले से घोषित कर रखा है, लेकिन राज्यों की सुस्ती की वजह से इसका भी खास असर होता नहीं दिख रहा है। जानकारों का मानना है कि हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली जल्द ही गैस चेंबर में तब्दील होने वाली है।
मंगलवार को दिल्ली के लोधी रोड पर पीएम10 का स्तर 237 और पीएम 2.5 का स्तर 214 रहा। एयरक्वालिटी इंडेक्स के अनुसार दोनों की स्थिति खराब श्रेणी में है। राजधानी में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण स्तर को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने सोमवार और मंगलवार को अहम बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आने वाले दिनों में हालात बिगढ़ने के आसार
हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने वाली एजेंसी सफर के अनुसार दिल्ली-एनसीआर के लिए अगले कुछ दिन काफी अहम होंगे। वजह हवा में लगातार हो रहा बदलाव है, जिसके आने वाले दिनों में कुछ ज्यादा बिगड़ने की आशंका है। इसके साथ ही दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों को जहरीली हवा से बचाने के उन दावों की भी परीक्षा होगी जिसमें इस बार दिल्ली तक पराली का धुआं न पहुंचने देने का भरोसा दिया गया था।
हालांकि अभी तक पराली का धुआं तो दिल्ली तक नहीं पहुंचा है लेकिन पराली जलाने की घटनाओं पर रोकथाम को लेकर किए जा रहे दावों की पोल खुल चुकी है। पंजाब ने पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने की घटनाओं में 70 फीसद से ज्यादा की कमी का दावा किया था। पर अब तक यह कमी सिर्फ 50 फीसद के आसपास ही सिमटी हुई है। हरियाणा ने इसमें 90 फीसद की कमी का दावा किया था, लेकिन अब तक वह सिर्फ 40 फीसद ही कम कर पाया है।
आने वाले दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में दिखाई दे रही यह कमी और भी कम हो सकती है, क्योंकि दोनों ही राज्यों में बुआई का सीजन अब अगले दो हफ्ते काफी चरम (पीक) पर रहेगा। ऐसे में खेतों की सफाई को लेकर पराली जलाने की घटनाएं कुछ ज्यादा हो सकती हैं। सफर इंडिया के अनुमान के मुताबिक सोमवार को दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 246 रहा, जबकि बुधवार शाम तक इसके 290 के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं पीएम 2.5 का स्तर सोमवार को 117 था, जबकि बुधवार शाम तक इसके 140 के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है जो बेहद खराब स्थिति होगी।
हवा की बिगड़ती स्थिति और पराली जलाने की घटनाओं में आने वाले दिनों में बढ़ोतरी की आशंका को देख केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दोनों ही राज्यों से रोकथाम की कोशिश को तेज करने को कहा है। मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दोनों ही राज्यों के साथ हर दिन सैटेलाइट से मिलने वाली आगजनी की घटनाओं और क्षेत्र को लेकर बातचीत की जा रही है।
इस दौरान मंत्रालय को सबसे ज्यादा अचंभा हरियाणा को लेकर है, जहां 14 अक्टूबर की स्थिति में पंजाब से ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं। पंजाब में जहां 14 अक्टूबर तक पराली जलाने की कुल 699 घटनाएं हुई हैं, वहीं हरियाणा में 923 घटनाएं हुईं। मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक पराली जलाने की घटनाओं में सबसे अहम पंजाब है, क्योंकि वहां हर साल करीब 1.8 करोड़ टन पराली जला दी जाती है।