Delhi NCR Weather Update: ठंड से राहत के लिए करना होगा 27 जनवरी तक का इंतजार
Delhi NCR Weather Update पश्चिमी विक्षोभ के असर से 27 या 28 हल्की बारिश भी हो सकती है। बारिश के बाद तापमान कुछ बढ़ सकता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi NCR Weather Update: कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हुई बर्फबारी का असर दिल्ली में भी देखने को मिल रहा है। गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में कोहरा तो नहीं था, लेकिन तेज हवाओं के चलते लोगों को कंपकंपी महसूस हो रही है। 20 से 25 कि. मी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 17 एवं 7 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक, बृहस्पतिवार को भी आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, लेकिन सुबह से तेज धूप निकली हुई है। स्काईमेट वेदर के अनुसार आने वाले दिनों में दिल्ली का न्यूनतम तापमान गिरने की संभावना है। दिन में गलन की स्थिति बनी रहेगी। हालांकि दिन के समय मौसम साफ रहने के कारण धूप निकलेगी लेकिन बहुत राहत मिलने का अनुमान नहीं है। 27-28 जनवरी तक कमोबेश रोजाना ही सुबह के समय कोहरा छाया रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ के असर से 27 या 28 हल्की बारिश भी हो सकती है। बारिश के बाद तापमान कुछ बढ़ सकता है।
ऐसे में यहां बुधवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। आलम यह रहा कि सुबह जब दिल्ली वालों की नींद खुली तो आसमान पर घने कोहरे की चादर छाई थी। ठंड भी अन्य दिनों की अपेक्षा कहीं ज्यादा थी। सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता का स्तर 25 से 50 मीटर रहा। कोहरे की मोटी चादर होने की वजह से यातायात में भी परेशानी देखने को मिली। सुबह नौ-10 बजे तक भी सड़कों पर वाहन लाइट जलाकर रेंगते हुए नजर आए।
दिल्ली का अधिकतम तापमान बुधवार को सामान्य से 3 डिग्री कम 17.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री कम 7.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। हवा में नमी का स्तर 70 से 100 फीसद रहा। दिल्ली का सबसे ठंडा क्षेत्र पूसा रहा, जहां का न्यूनतम तापमान महज 6.2 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम तापमान के लिहाज से मुंगेशपुर सबसे ठंडा रहा। तापमान 14.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण स्तर बहुत खराब
ठंड और कोहरा बढ़ने के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा एयर बुलेटिन के अनुसार बुधवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 370 दर्ज किया गया। एनसीआर की बात करें तो नोएडा में एयर इंडेक्स 387, फरीदाबाद में 358, गाजियाबाद में 386, ग्रेटर नोएडा में 374 और गुरुग्राम में 292 दर्ज हुआ। इस इंडेक्स के अनुसार गुरुग्राम को छोड़कर सभी जगह की हवा बहुत खराब श्रेणी में रही।
कुछ कम हुआ प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में पिछले सालों के मुकाबले कुछ कमी आई है, लेकिन यह स्थिति सभी जगह एक जैसी नहीं है। दिल्ली में सुधार ज्यादा है, जबकि एनसीआर में कम। एनसीआर के शहरों में भी मिलीजुली स्थिति है।
गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस द्वारा जारी रिपोर्ट एयरपौकेलिज्म के अनुसार पिछले तीन सालों के दौरान दिल्ली का प्रदूषण कम हुआ है। पीएम 10 के स्तर में काफी सुधार देखा गया है। पिछले साल के मुकाबले दिल्ली की रैंकिंग में दो पायदान का सुधार हुआ है। पिछली बार यह आठवें नंबर पर थी जबकि इस बार दसवें नंबर पर है।
आंकड़ों के मुताबिक 2016 में दिल्ली में पीएम 10 की मात्र 276 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुई थी, जो 2017 में 240 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 2018 में 225 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। हालांकि, इसका सालाना औसत स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए। इस मानक के हिसाब से यह अभी भी बहुत ज्यादा है, लेकिन साल दर साल घट भी रही है।
नोएडा में 2017 में पीएम 10 की सालाना मात्रा 216 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई थी जबकि 2018 में यह बढ़कर 264 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई। इसी तरह गाजियाबाद में 2017 में पीएम 10 का सालाना स्तर 281 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था जो 2018 में घटकर 245 रह गया। यानि गाजियाबाद में कुछ सुधार हुआ जबकि नोएडा में हालात और बिगड़े।
ग्रीनपीस के मुताबिक दिल्ली की हवा में धीर-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन एनसीआर में अपेक्षाकृत यह सुधार कम नजर आता है। एनसीआर के शहरों में दिल्ली के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रदूषण है। इसकी एक वजह यह भी सामने आ रहा है कि प्रदूषण फैलाने वाली जो इकाइयां दिल्ली में बंद कर दी गईं, वे एनसीआर के शहरों में शिफ्ट हो गईं।
कोहरे के कारण पांच उड़ानें डायवर्ट
कोहरे के कारण बुधवार को पांच उड़ानों को डायवर्ट किया गया। कोहरे व गणतंत्र दिवस की तैयारियों को लेकर सील हुई हवाई सीमा के कारण 300 से ज्यादा उड़ानों के संचालन पर असर भी पड़ा। डायवर्ट होने वाली उड़ानों में तीन अंतरराष्ट्रीय और दो घरेलू हैं। चार उड़ानों को जयपुर भेज दिया गया, वहीं एक को अमृतसर में उतारा गया। कोहरे के कारण रन-वे पर दृश्यता करीब पचास मीटर रह गई थी। करीब सात घंटा घना कोहरा रहा। इस दौरान कैट थ्री तकनीक से विमान का संचालन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले 20 व 30 दिसंबर को भी इसी तरह का कोहरा था। इसके बाद बुधवार को इतना घना कोहरा देखने को मिला। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि कोहरे के कारण एक भी विमान के रद होने की जानकारी नहीं मिली। हालांकि उड़ान में विलंब के कारण यात्रियों को एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ा। इससे यात्रियों को भी काफी परेशानी हुई।