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दिल्ली में 17 जगहों पर जानलेवा हुआ प्रदूषण, सार्वजनिक स्थलों पर लगेंगे एयर प्यूरीफायर

दिल्ली में मंगलवार शाम औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 401 रहा, जो बेहद खतरनाक स्थिति में माना जाता है। इसलिए दिल्ली के भारी यातायात व प्रदूषण वाले पांच स्थानों पर एयर प्यूरीफायर लगेंगे।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 06:42 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 06:42 PM (IST)
दिल्ली में 17 जगहों पर जानलेवा हुआ प्रदूषण, सार्वजनिक स्थलों पर लगेंगे एयर प्यूरीफायर
दिल्ली में 17 जगहों पर जानलेवा हुआ प्रदूषण, सार्वजनिक स्थलों पर लगेंगे एयर प्यूरीफायर

नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच चुका है। मंगलवार को दिल्ली में 17 जगहों पर प्रदूषण स्तर जानलेवा स्तर पर पहुंचा चुका है। इस बीच प्रदूषण से निपटने को उम्मीद की एक किरण दिखी है। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर एयर प्यूरीफायर लगाए जाएंगे। दिल्ली के सबसे भीड़भाड़ वाले आइटीओ चौक से इसकी शुरूआत कर दी गई है।

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मंगलवार को दिल्ली के लोधी रोड पर पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों का स्तर 280 रिकॉर्ड किया गया, जो बेहद खतरनाक श्रेणी में माना जाता है। पूरी दिल्ली में मंगलवार शाम चार बजे औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 401 रहा, जिसे बेहद खतरनाक स्थिति में माना जाता है। इसे देखते हुए पर्यावरण मंत्रालय का केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सार्वजनिक स्थलों पर एयर प्यूरीफायर लगवाने का निर्णय लिया है।

इन एयरप्यूरीफायर को दिल्ली के भारी यातायात वाले पांच जगहों पर लगाया जाएगा, जहां प्रदूषण स्तर काफी ज्यादा है। सीपीसीबी के मुताबिक अगले कुछ दिनों में इन पांच सार्वजनिक स्थानों पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए 57 एयर प्यूरीफायर लगा दिए जाएंगे। खास बात ये है कि सीपीसीबी जिन एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने जा रहा है, उसे अगस्त 2018 में ही देश की एक प्रतिष्ठित लैब ने ग्रीन सिग्नल देता। हालांकि पर्यावरण विशेषज्ञ संशय में हैं कि इन एयर प्यूरीफायर से वास्तव में प्रदूषण स्तर में कमी आएगी या नहीं।

इन पांच स्थानों पर लगेंगे एयर प्यूरीफायर

आइटीओ, आनंद विहार, वजीरपुर, शादीपुर और भीकाजी कामा प्लेस इंटरसेक्शन पर एयर प्यूरीफायर स्थापित किया जाएगा। मुंबई में पहले से इसका इस्तेमाल हो रहा है। मुंबई में ये अधिक प्रभावी नहीं रहा है। इस पर सीपीसीबी का कहना है कि मुंबई और दिल्ली में काफी फर्क है। यह यूनिट प्रदूषित हवा को अंदर खींचकर बाहर स्वच्छ हवा छोड़ती है।

छह माह के पायलट प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 2.6 करोड़ रुपये

बताया जा रहा है कि सीपीसीबी छह माह के पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इन एयर प्यूरीफायर को लगवाने जा रहा है। इन एयरप्यूरीफायर के लिए 2.6 करोड़ रुपये खर्च होंगे। फंड की व्यवस्था ईपीसी फंड से किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रयोग होने वाले एयर प्यूरीफायर को विंड ऑग्मेन्टेशन एंड एयर प्रप्यूरिफाइंग यूनिट्स (वायु) का नाम दिया गया है। इस मशीन को इंडिन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बॉम्बे ने तैयार किया है।

पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से बिगड़ी स्थिति

दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाएं पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ी है। प्रदूषण के लिए पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने को मुख्य वजह माना जाता है। पराली का ये धुआं दिल्ली पहुंचने लगा है। इस कारण दिल्ली पर प्रदूषण की चादर मोटी होती जा रही है। प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में इन दिनों निर्माण कार्य पर रोक सहित कई तरह की प्रदूषण कारक स्थितियों पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है।

गुरुद्वारा रकाबगंज पर भी चलेगा पायलट प्रोजेक्ट

‘वायु’ के अलावा एवरजेन सिस्टम ने भी सार्वजनिक जगहों पर इस्तेमाल हो सकने लायक ऐसा ही एक एयर प्यूरीफायर तैयार किया है, जिसका नाम क्लीन एयर जोन रखा गया है। कंपनी के सीईओ व संस्थापक सुखबीर सिंह ने कहा कि उनकी कंपनी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के पास एयर प्यूरीफायर लगाएगी। उन्होंने कहा कि एयर प्यूरीफायर स्कूल, अस्पताल और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थलों पर भी प्रयोग किया जा सकता है। इसके नतीजे काफी अच्छे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी सरकारी विभगों जैसे नगर निगम आदि से बात कर अन्य सार्वजनिक स्थलों पर प्यूरीफायर लगाने के लिए प्रयास कर रही है। इस एयर प्यूरीफायर की तकनीक 97 से 99 फीसद तक वायु प्रदूषण को रोकने में सक्षम है। धूल के कणों के अलावा ये प्यूरीफायर जहरीली गैसों को भी नष्ट करता है।

2016 में भी बनी थी एयर प्यूरीफायर लगाने की योजना

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए अक्टूबर 2016 में पांच सबसे प्रदूषित स्थानों पर एयर प्यूरीफायर लगाने की योजना बनाई थी। इसमें आइटीओ चौराहा, आनंद विहार, सराय काले खां, कश्मीरी गेट और एम्स/आइआइटी पर एयर प्यूरीफायर लगाने का निर्णय लिया गया था। धूल और डस्ट पार्टिकल को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट में तौर पर इन्हीं 5 में से किसी एक स्थान पर मिस्ट फाउंटेन लगाने की योजना बनी थी।


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