Delhi News: कोरोना के असर कम होने के बाद दिल्ली-NCR के बच्चों को मिलने जा रही ये सुविधा
एनएसडी प्रशासन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते विगत साल आनलाइन कार्यशाला आयोजित हुई थी। इस बार आफलाइन आयोजन होगा। 25 मई से 26 तक कार्यशाला होगी। जिसमें विभिन्न जगहों के बच्चों शामिल होंगे। अब तक 600 छात्र पंजीकरण करा चुके हैं।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां हो गई है। ये ग्रीष्मकालीन अवकाश बच्चों के लिए खास होने वाला है, क्योंकि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय आठ से 16 साल तक के बच्चों को अभिनय के गुर सिखाएगा। दिल्ली-एनसीआर के नौ स्कूलों में कार्यशाला आयोजित की जाएगी। रंगमंच के दिग्गज बच्चों को प्रशिक्षण देंगे। कोरोना काल में पहली बार आफलाइन कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
कोरोना के कारण आनलाइन हुई थी कार्यशाला
एनएसडी प्रशासन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते विगत साल आनलाइन कार्यशाला आयोजित हुई थी। इस बार आफलाइन आयोजन होगा। 25 मई से 26 तक कार्यशाला होगी। जिसमें विभिन्न जगहों के बच्चों शामिल होंगे। अब तक 600 छात्र पंजीकरण करा चुके हैं। इन छात्रों को 20 समूहों में बांटा गया है। एनएसडी निदेशक प्रो. रमेश चन्द्र गौड़ ने बताया कि दिग्गज कलाकार बच्चों को नाटक सिखाएंगे।
व्यक्तित्व विकास में सहायक
इससे बच्चों के व्यक्तित्व का भी विकास होता है। अभी तक प्रशिक्षक दिल्ली-एनसीआर में चयनित केंद्रों में ही जाकर प्रशिक्षण देते हैं। एनएसडी की कोशिश है कि अगले वर्ष से प्रशिक्षण कार्य देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किए जाएं। बकौल प्रो. रमेश चंद्र गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम समेत दिल्ली में मयूर विहार, दिलशाद गार्डन, वसंत विहार, राजौरी गार्डन, पंजाबी बाग, सुखदेव बिहार स्थित स्कूलों में कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
बच्चों को खेल और अन्य गतिविधियों से जोड़ेंगे
वहीं, अमन विहार स्थित निगम प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य सुनील यादव ने बताया कि कोरोना के बाद स्कूल खुलने से बच्चे काफी उत्साहित हैं। ऐसे में नई ऊर्जा के साथ स्कूल में कुछ बदलाव करने की तैयारी है। इसके लिए वह स्कूल में ऐसा माहौल तैयार करना चाहते हैं, जिससे बच्चों को बोरियत न महसूस हो और वह आनंद का अनुभव करें। प्रधानाचार्य ने बताया कि कोरोना काल में लगातार घर में रहते हुए बच्चों के मन में कई तरह की कुंठाओं ने जन्म लिया है, इसलिए स्कूल में खेल-कूद और मनोरंजन गतिविधियों में बढ़ोतरी की जाएगी। इन गतिविधियों का उद्देश्य बच्चों को खेल-खेल में जरूरी विषयों की जानकारी देना होगा। उन्होंने बताया कि प्राथमिक शिक्षक होने के नाते वह बच्चों को ऐसी शिक्षा देना चाहते हैं जो उनके भविष्य के निर्धारण में मील का पत्थर साबित हो।