Delhi Mundaka Fire News: पुलिस ने दर्ज किया गैर इरादतन हत्या का मामला, पीड़ितों ने कहा की गई हत्या
आग के शुरू होने के बाद पहले तो इमारत का शीशा तोड़ने से भी अधिकारियों ने मना कर दिया था। कुशाल चंद ने बताया कि गैर इरादतन हत्या का मामला यह किसी भी सूरत में नहीं है। सीढ़ी का दरवाजा बंद कर इमारत में फंसे लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया गया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुंडका में मौत की इमारत के मालिक मनीष लाकड़ा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग उठने लगी है। हादसे में पीड़ित परिवार के लोगों का साफ कहना है कि मनीष ने अगर सीढ़ी का दरवाजा खोल दिया होता तो इतने लोगों की जान नहीं जाती। पुलिस इस मामले में टाल मटोल रवैया न अपनाकर सीधे हत्या का मुकदमा दर्ज करे।हादसे में जान गंवाने वाली आशा के भाई वीरपाल ने बताया कि आग लगने की घटना के बाद चौथी मंजिल पर मनीष लाकड़ा ने सीढ़ी का दरवाजा बंद कर दिया था।
नीचे तैनात सुरक्षाकर्मी ने मेन गेट को पूरी तरह से बंद कर दिया। इससे धुआं कमरे में फैलता गया और वहां मौजूद लोग आग की चपेट में आने लगे। यह बहुत बड़ी लापरवाही है। एक साथ 27 लोगों की मौत से बड़ी घटना और क्या हो सकती है? घटना के दौरान लोगों की जान की परवाह किसी को नहीं थी। आग के शुरू होने के बाद पहले तो इमारत का शीशा तोड़ने से भी अधिकारियों ने मना कर दिया था। कुशाल चंद ने बताया कि गैर इरादतन हत्या का मामला यह किसी भी सूरत में नहीं है। सीढ़ी का दरवाजा बंद कर इमारत में फंसे लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया गया था। ऐसे में यह सीधा-सीधा हत्या का मामला बन रहा है।
आपात स्थिति में लोगों को मदद की दरकार थी तो उस दौरान उनके जीवन को मनीष लाकड़ा ने और खतरे में डाल दिया। उन्होंने कहा कि मेरी रिश्तेदार दृष्टि की इस हादसे में मौत हो गई। मुंडका में घटनास्थल के पास मौजूद रोहित ने बताया कि इस तरह के मामले में हत्या का मुकदमा ही दर्ज होना चाहिए। लापरवाही कोई और करता है और इसका खामियाजा किसी और को भुगतना पड़ता है। सख्त सजा का प्रविधान होगा तो इमारत बनाते समय सुरक्षा मानकों का भी लोग ध्यान रखेंगे।
दिनभर इमारत को देखने पहुंच रहे लोग
रविवार को भी मुंडका की जली इमारत को देखने काफी संख्या में लोग पहुंचे। सभी दुख जताते हुए आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करते दिखे। रमेश ने बताया कि पलक झपकते ही यह इमारत मौत की इमारत में तब्दील हो गई। यहां पर सैकड़ों की संख्या में लोग दिनभर मौजूद रहते हैं। राह चलते लोग यहां पहुंचते ही ठिठक जाते हैं। वाहन सवार अपने वाहन की गति कम कर देते हैं। सभी लोग घटना से व्यथित हैं।