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दिल्ली के रहने वाले युवक ने कंचनजंगा पर फहराया तिरंगा, मां ने कहा- बेटे पर गर्व

पंकज ने 20 मई को सुबह आठ बजकर पंद्रह मिनट पर कंचनजंगा पर तिरंगा फहराया। उनकी इस कामयाबी ने न सिर्फ परिजनों बल्कि क्षेत्र और देश का नाम भी रोशन किया है।

By Amit MishraEdited By: Published: Mon, 28 May 2018 04:35 PM (IST)Updated: Mon, 28 May 2018 05:28 PM (IST)
दिल्ली के रहने वाले युवक ने कंचनजंगा पर फहराया तिरंगा, मां ने कहा- बेटे पर गर्व
दिल्ली के रहने वाले युवक ने कंचनजंगा पर फहराया तिरंगा, मां ने कहा- बेटे पर गर्व

नई दिल्ली [जेएनएन]। युवा पर्वतारोही पंकज जोशी ने कंचनजंगा की चढ़ाई को पूरी कर अपने नाम नयाा कीर्तिमान दर्ज कराया है। उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी के रहने वाले पंकज ने दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा (8586 मीटर) को फतह कर यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने 20 मई को सुबह आठ बजकर पंद्रह मिनट पर कंचनजंगा पर तिरंगा फहराया। उनकी इस कामयाबी ने न सिर्फ परिजनों बल्कि क्षेत्र और देश का नाम भी रोशन किया है।

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ओएनजीसी में कार्यरत हैं पंकज 

29 वर्षीय पंकज ने यह कारनामा ओएनजीसी (तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड) की पहली कंचनजंगा टीम का हिस्सा बनकर किया। उन्होंने अपने हौसलों और दृढ़ इच्छाशक्ति से युवाओं को प्रेरणा दी है। विद्यार्थी दिनों से ही कुछ अलग करने का जज्बा रखने वाले पंकज को पहाड़ों की यात्र करना पसंद रहा, यही वजह थी कि उन्हें यह सफलता हासिल हुई। पंकज ने गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से बी-टेक की पढ़ाई पूरी की। मौजूदा समय में वह मुंबई स्थित ओएनजीसी में कार्यरत हैं।

ग्रुप-बी में शामिल थे पंकज

गौरतलब है कि केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने तीन अप्रैल को दिल्ली से ओएनजीसी के दल को रवाना किया था। इस दल में 12 पर्वतारोही और तीन बेस कैंप सदस्य शामिल थे। दो महीने की निर्धारित अवधि में किए गए इस कार्य के दौरान दल को दो भागों में विभाजित किया जिसमें पंकज ग्रुप-बी में शामिल रहे।

देश को गौरवान्वित करने वाली है सफलता 

पंकज के पिता मोहन जोशी ने बताया कि कंचनजंगा शिखर पर पहुंचना आसान नहीं था, क्योंकि करीब दो वर्ष पूर्व इसकी यात्र पर गए कुछ पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी, जिसके बाद लगातार दो वर्षों में किसी ने आरोहन का प्रयास नहीं किया था। लेकिन, इस बार ओएनजीसी की टीम ने आरोहन कर सफलता दर्ज की। इस मुकाम के लिए यह जरूरी है कि डर को खुद से अलग कर दें। कुछ इसी तरह के धैर्य व साहस के साथ पंकज ने डर को पछाड़ दिया। उनकी यह सफलता देश को गौरवान्वित करने का काम करेगी।

बेटे की सफलता पर मां को गर्व 

पंकज मूल रूप से उत्तराखंड के नैनीताल के रहने वाले हैं। उनके पिता मोहन जोशी इनकम टैक्स विभाग से सेवानिवृत्त हैं। पंकज की इस सफलता को लेकर उनकी मां भावना जोशी को भी गर्व है। 

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