केजरीवाल के मंत्री बोले-लालकिला व इंडिया गेट स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक नहीं
गोपाल राय ने केजरीवाल की तुलना महाभारत के एकलव्य से करते हुए कहा कि संविधान में प्रदत्त कुछ अधिकारों का हवाला देकर केंद्र सरकार ने केजरीवाल के अधिकार काट दिए हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की आजादी के बाद केंद्र में काबिज अलग-अलग राजनीतिक दलों की सरकार द्वारा लालकिला में स्वतंत्रता दिवस तथा इंडिया गेट व राजपथ पर गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित समारोह पर दिल्ली सरकार ने सवाल उठाए हैं।
सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर दिल्ली सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंत्री गोपाल राय ने कहा कि लालकिला, इंडिया गेट व राजपथ स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक नहीं है। एक मध्यकाल और एक ब्रिटिश काल में तैयार स्मारक है। इन दोनों स्थानों पर समारोह के आयोजन का कोई तुक नहीं है।
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स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर सरकार में शीर्ष पद पर बैठे लोग वहां जाकर शहीदों को याद करते हैं। हकीकत यह है कि शहीदों को लेकर आज तक केंद्र सरकार ने गंभीरता से काम नहीं किया।
पिछले वर्ष दिल्ली सरकार ने देश की आजादी में प्राण गंवाने वालों को सम्मान देने तथा उनके बारे में देश व दुनिया को बताने की दिशा में गंभीरता से कवायद शुरू की है। देश को आजाद कराने में कितने शहीद हुए हैं। इसकी पूरी जानकारी किसी को नहीं है। जिसे देखते हुए गत वर्ष 27 सितंबर में सरकार ने ‘शहीद कोष’ नाम से वेबसाइट लांच किया था।
उन्होंने कहा कि इस शहीद कोष में कुछ नाम दर्ज किए गए थे। अब लोगों से सुझाव मांगे गए हैं कि उनके पास शहीदों के बारे में कोई भी जानकारी हो तो वह इसे शहीद कोष में दर्ज कराने के लिए संपर्क कर सकते हैं। जैसे-जैसे नाम आएंगे उनके बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा कर उसे वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि देश को आजादी दिलाने में हजारों लोगों ने जान की कुर्बानी दे दी। इनमें से बहुतों को तो हम सभी जानते हैं और उनको सम्मानित भी करते हैं। लेकिन ऐसे कई स्वतंत्रता सेनानी हुए जो इतिहास के पन्नों से गायब हैं।
गोपाल राय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तुलना महाभारत में द्रोणाचार्य के शिष्य एकलव्य से करते हुए कहा कि संविधान में प्रदत्त कुछ अधिकारों का हवाला देकर केंद्र सरकार ने केजरीवाल के अधिकार काट दिए हैं। बावजूद दिल्ली की जनता के साथ केजरीवाल सरकार के प्रयोग की दुनिया भर में चर्चा हो रही है।
मालूम हो कि दिल्ली सरकार तैयार वेबसाइट में सभी स्वतंत्र सेनानी व शहीदों का विवरण दर्ज होगा। सरकार ने इसके लिए भारतीय उच्च आयोग के माध्यम से बांग्लादेश, बर्मा, इंग्लैंड, कनाडा और अमेरिका इत्यादि देशों में रह रहे स्वतंत्रता सेनानियों, उनके परिवार के सदस्यों या उनके नजदीकी रिश्तेदारों से संपर्क करने का प्रयास किया है। वहां से प्राप्त सूचना का सत्यापन के बाद उसे वेबसाइट पर शहीद कोष में दर्ज किया जाएगा।