केजरीवाल के मंत्री की पीएम मोदी से अपील, राष्ट्रपति भवन के सामने बने स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों का स्मारक
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश के स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रपति भवन के सामने एक स्मारक बनाने का आग्रह किया। गोपाल राय ने ट्विटर अकाउंट पर इससे संबंधित वीडियो संदेश पोस्ट जारी किया है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली संयोजक और दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से देश के स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रपति भवन के सामने स्मारक बनाने का आग्रह किया। राय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया और कहा कि देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के लिए कोई समर्पित स्मारक नहीं है। उन्होंने कहा कि इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों की याद में अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया था और वहां देश के स्वतंत्रता आंदोलन के एक भी शहीद का नाम नहीं है। देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, लेकिन इतने साल बाद भी हम स्वतंत्रता संग्राम के अपने शहीदों को समर्पित स्मारक भी नहीं बना सके हैं।
उन्होंने कहा कि मैं आपसे (नरेन्द्र मोदी) शहीद स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक राष्ट्रीय स्मारक बनाने का अनुरोध करता हूं। मुझे आशा है कि आप राष्ट्रपति भवन के सामने शहीद स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक स्मारक का निर्माण करेंगे और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) पर हमारे लाखों शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने की एक नई परंपरा शुरू करेंगे।
26 जनवरी और 15 अगस्त के दिन आजादी के शहीदों को सलामी क्यों नहीं ?https://t.co/9Vt2p3AIy0 pic.twitter.com/wvikC8DKhD
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) January 24, 2022
गोपाल राय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के बजाय पिछले 75 वर्षो से हमारी सरकारें स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर इंडिया गेट पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रही हैं, जबकि इंडिया गेट में मंगल पांडे, रानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे, नाना साहब, भगत ¨सह, चंद्रशेखर आजाद, बिरसा मुंडा, झलकारी बाई जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के नाम तक नहीं हैं। बता दें कि पिछले हफ्ते, अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से स्थानांतरित कर दिया गया था और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में लौ के साथ मिला दिया गया था, जो इंडिया गेट से केवल कुछ सौ मीटर की दूरी पर है।