Delhi Metro: दिल्ली में शर्तों के साथ मेट्रो चलाने की तैयारी, शॉपिंग मॉल समेत इन्हें भी मिलेगी हरी झंडी
दिल्ली सरकार अब इस पक्ष में है कि मेट्रो जनता के लिए खोल दी जानी चाहिए। फिजिकल डिस्टेंसिग के लिए एक सीट छोड़ कर बैठने की व्यवस्था की जाएगी।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। लॉकडाउन के पांचवें चरण में सख्त नियमों के साथ मेट्रो के चलने और मॉल खुलने की संभावना है। वहीं बाजारों का समय बढ़ाने की भी तैयारी है। सरकार अभी सिनेमा घर, स्कूल और कॉलेज खोलने के पक्ष में नहीं है।
शनिवार को इस पर सरकार में एक बार फिर चर्चा होगी। उसके बाद ही केंद्र को सुझाव भेजे जाएंगे। यह केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा कि वह राज्य सरकार के प्रस्ताव को कितना स्वीकार करेगी।
मेट्रो अब जनता के लिए खोलने के पक्ष में सरकार
दिल्ली सरकार अब इस पक्ष में है कि मेट्रो जनता के लिए खोल दी जानी चाहिए। फिजिकल डिस्टेंसिग के लिए एक सीट छोड़ कर बैठने की व्यवस्था की जाएगी। दिल्ली सरकार का कहना है कि मेट्रो न चलने से जनता को परेशान होना पड़ रहा है।
मॉल खुले तो सम विषम नियम के तहत खुलेंगे
दिल्ली सरकार अगले चरण के लॉकडाउन में शापिंग मॉल को खोलने के पक्ष में है। अभी तक मॉल में सिर्फ जरूरी सेवा वाली दुकान यानि किराना और मेडिकल स्टोर खुल रहे है। अब वहां बाकी दुकानें भी खुल पाएंगी। मगर वहां पर दिल्ली के बाजारों की सम विषम का नियम लागू होगा।
गली मोहल्ले के धार्मिक स्थल खुल सकते हैं
दिल्ली सरकार धार्मिक स्थल खोलने के पक्ष में दिख रही है। मगर वह सिर्फ स्थानीय (कालोनियों में मौजूद धार्मिक स्थल) धार्मिक स्थल को खोलने के पक्ष में है। वह ऐसे धार्मिक स्थल नहीं खोलना चाहती है जिसमें अधिक भीड़ जुटती है। वहां दिल्ली के अलावा दूसरे शहरों से भी लोग आते है। इसी ऐसे समझे की अगर धार्मिक स्थल खोलने की सिफारिश होगी तो फिलहाल अक्षरधाम, जामा मस्जिद या बांग्ला साहिब गुरूद्वारा खोलने की मंजूरी नहीं मिलेगी। जो धार्म मंदिर खुलेंगे भी तो वहां एक बार में अधिकतम 10-10 लोगों के एकत्रित होने की ही मंजूरी होगी।
बाजारों का समय बढ़ाया जाएगा
दिल्ली सरकार बाजारों के खुलने का समय बढ़ाने की सिफारिश कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक सरकार चाहती है कि दिल्ली के बाजार 7 बजे के बाद भी खुलें।
सिनेमाघर, स्कूल नहीं खुलेंगे, सैलून पर सहमति नहीं
मॉल खुल भी गए तो सिनेमाघर अभी नहीं खुलेंगे। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि वह भीड़ एकत्रित होने वाली जगहों को खोलने के पक्ष में नहीं है। जैसे सिनेमाघर, स्कूल और कॉलेज अभी नहीं खुलेंगे। वहीं सैलून खोलने को लेकर भी अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। सैलून सरकार खोलना चाहती है। उसके लिए एक अलग एसओपी भी बनेगी। मगर सरकार की चिंता है कि छोटी कॉलोनियों में चलने वाली सैलून की दुकानों पर उसे कैसे लागू करेंगे।
लॉकडाउन के पांचवे चरण में राहत पर उन्होंने कहा कि यह अगले एक दो दिन में आपको पता चल जाएगा। मगर यह साफ है कि भीड़ एकत्रित होने वाली जगह जैसे सिनेमाघर, स्कूल या कॉलेज खोलने के पक्ष में हम अभी नहीं है।