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Delhi Metro Toilet News: शिकायत के बाद अपने विशेष टायलेट में बदलाव करेगा डीएमआरसी

Delhi Metro Toilet News शिकायत के मुताबिक साइन बोर्ड पर आधे भाग में स्त्री और आधे में पुरुष की तस्वीर बनाए जाने का भी विरोध किया गया है। इस पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने अब इसे हटाने का निर्णय लिया है।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 11:16 AM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 11:16 AM (IST)
Delhi Metro Toilet News: शिकायत के बाद अपने विशेष टायलेट में बदलाव करेगा डीएमआरसी
Delhi Metro Toilet News: शिकायत के बाद अपने विशेष टायलेट में बदलाव करेगा डीएमआरसी

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) ने पिछले दिनों मेट्रो स्टेशनों पर ट्रांसजेंडर्स (उभयलिंगी) के लिए अलग से शौचालय उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। यह भी कहा था कि दिव्यांगजनों के लिए बने शौचालय का इस्तेमाल उभयलिंगी भी कर सकेंगे। डीएमआरसी की ओर से इस तरह का आदेश भी जारी किया गया था। इसके लिए मेट्रो स्टेशनों पर बने शौचालयों में साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं। वहीं, उभयलिंगी शब्द को लेकर एक गैर सरकारी संगठन ने मानव अधिकार आयोग में शिकायत कर एजरात जताया है। उनका कहना है कि यह शब्द भेदभाव पैदा करता है। इसको पढ़ने के बाद दिव्यांग लोग में एक और हीन भावना घर कर रही है।

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वहीं, अब इस बारे में डीएमआरसी का कहना है कि यह शब्द केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन से लिया गया है। अपनी सफाई में यह भी कहा है कि डीएमआरसी इसकी जगह संबंधित विभाग की अनुमति से कोई और शब्द लिखने को तैयार है। इसके साथ ही साइन बोर्ड पर आधे भाग में स्त्री और आधे में पुरुष की तस्वीर बनाए जाने का भी विरोध किया गया है। इसे लेकर डीएमआरसी का कहना है कि विश्व में अधिकांश स्थानों पर उभयलिंगी लोगों के लिए बनाए गए शौचालय में इस तरह की तस्वीर का उपयोग किया जाता है। इसके बावजूद डीएमआरसी इसमें बदलाव के लिए काम कर रहा है। 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में योगी आदित्यनाथ सरकार ने फरवरी महीने में किन्नरों (ट्रांसजेंडर) को एक बड़ी सौगात दी है। शहर की सफाई में किन्नरों की भी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने वाराणसी के कामाक्षा इलाके में प्रदेश के पहले ट्रांसजेंडर शौचालय का निर्माण कराया है। यह शौचालय शुरू भी हो गया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ट्रांसजेंडरों के लिए अलग शौचालय का निर्माण किया जाना चाहिए।

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