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Driverless Metro in Delhi: नए एक्सपीरियंस के लिए तैयार रहें दिल्ली वाले, चलेगी ड्राइवर लेस ट्रेन

Driverless Metro in Delhi मेट्रो में चालक मौजूद होते हैं जो दरवाजे को खोलने व बंद करने के साथ ब्रेक लगाने व इमरजेंसी में मेट्रो को नियंत्रित करने का काम करते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 08:01 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 08:08 AM (IST)
Driverless Metro in Delhi: नए एक्सपीरियंस के लिए तैयार रहें दिल्ली वाले, चलेगी ड्राइवर लेस ट्रेन
Driverless Metro in Delhi: नए एक्सपीरियंस के लिए तैयार रहें दिल्ली वाले, चलेगी ड्राइवर लेस ट्रेन

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) ने फेज तीन की पिंक व मजेंटा लाइन पर चालक रहित मेट्रो चलाने की तकनीक विकसित की है। इसके लिए मेट्रो ट्रेनें भी खरीदी जा चुकी हैं, लेकिन दोनों कॉरिडोर पर लंबे समय से परिचालन होने के बावजूद अभी तक चालक ही मेट्रो ऑपरेट कर रहे हैं। अब डीएमआरसी ने अगले साल मई तक दोनों कॉरिडोर पर चालक रहित मोड में मेट्रो चलाने का लक्ष्य रखा है।

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इस योजना पर अमल के लिए नए सिरे से सलाहकार की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। यह चालक रहित मेट्रो चलाने में तकनीकी मदद करेंगे। साथ ही ऑपरेशन सेंट्रल कंट्रोल (ओसीसी), सिग्नल सिस्टम, ओएचई (ओवर हेड एक्यूपमेंट), मेट्रो ट्रेन, डिपो इत्यादि का निरीक्षण कर बुनियादी ढांचे की समीक्षा की जाएगी।

इस दौरान विशेषज्ञ यह देखेंगे कि दोनों कॉरिडोर चालक रहित मेट्रो परिचालन के लिए तकनीकी रूप से कितने सक्षम हैं। डीएमआरसी के अनुसार पहले थोड़े समय के लिए सिंगापुर की एक कंपनी को सलाहकार नियुक्त किया गया था। उस कंपनी ने अध्ययन करने के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर डीएमआरसी को दी है। डीएमआरसी अब एक ऐसी कंपनी को सलाहकार बनाने के लिए कदम बढ़ा रहा है जो चालक रहित मेट्रो का परिचालन शुरू होने तक मदद करेगी।

डीएमआरसी चरणबद्ध तरीके से स्वचालित मेट्रो के परिचालन की दिशा में बढ़ रहा है। मौजूदा समय में इन दोनों कॉरिडोर पर जीओए (ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन)-2 का इस्तेमाल हो रहा है। इसके तहत मेट्रो स्वचालित रूप से ही चलती है, लेकिन मेट्रो में चालक मौजूद होते हैं, जो दरवाजे को खोलने व बंद करने के साथ, ब्रेक लगाने व इमरजेंसी में मेट्रो को नियंत्रित करने का काम करते हैं।

उम्मीद है कि मई 2020 तक दोनों कॉरिडोर पर जीओए-3 तकनीक लागू होगी, इससे दोनों कॉरिडोर पर मेट्रो स्वत: रफ्तार भरेगी। हालांकि जीओए-3 के चरण में भी मेट्रो में कर्मचारी मौजूद होते हैं जो जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी में मेट्रो को नियंत्रित करते हैं।

बताया जा रहा है कि इस चरण को सफलतापूर्वक लागू करने के बाद डीएमआरसी पिंक लाइन व मजेंटा लाइन की मेट्रो से चालकों को हटाने पर विचार कर सकता है। करीब 58 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन दिल्ली मेट्रो का सबसे बड़ा कॉरिडोर है। इसमें मयूर विहार पाकेट-1 से मजलिस पार्क और त्रिलोकपुरी से शिव विहार के बीच मेट्रो का परिचालन हो रहा है। वहीं करीब 38 किलोमीटर लंबी मजेंटा लाइन पर बोटेनिकल गार्डन से जनकपुरी पश्चिम के बीच मेट्रो सेवाएं दे रही है।

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