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Delhi Metro News: दिल्ली मेट्रो के परिचालन में क्यों आ रही है परेशानी? डीएमआरसी ने सरकार को बताई असली वजह

दिल्ली मेट्रो के परिचालन में डेढ़ महीने के दौरान दर्जनभर बार दिक्कत पेश आई। अब दिल्ली सरकार को भेजे आधिकारिक जवाब में दिल्ली मेट्रो रेल निगम का कहना है कि ओएचई टूटना है मेट्रो परिचालन के प्रभावित होने का एक बड़ा कारण।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 08:30 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 10:40 AM (IST)
Delhi Metro News: दिल्ली मेट्रो के परिचालन में क्यों आ रही है परेशानी? डीएमआरसी ने सरकार को बताई असली वजह
दिल्ली मेट्रो का परिचालन में क्यों आ रही है परेशानी? डीएमआरसी ने अरविंद केजरीवाल को दिया आधिकारिक जवाब

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली मेट्रो का परिचालन प्रभावित होने की घटनाएं बढ़ने के मामले में दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) ने अपना जवाब दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के कार्यालय को भेज दिया है।

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अपने आधिकारिक जवाब में डीएमआरसी का कहना है कि मेट्रो परिचालन प्रभावित होने की हर घटना का कारण तकनीकी गड़बड़ी व खराब रखरखाव नहीं होता। मेट्रो परिचालन प्रभावित होने की 50 प्रतिशत घटनाओं का कारण ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) टूटना था। ये घटनाएं ओएचई से पक्षी या धातु की बाहरी वस्तु के टकराने से हुईं।

डीएमआरसी का यह भी कहना है कि तकनीकी खराबी व परिचालन प्रभावित होने की घटनाएं रोकने के लिए डीएमआरसी ने कई पहल की हैं। जून में मेट्रो में तकनीकी खराबी की सात घटनाएं हुईं। छह घटनाएं 21 जून तक हुई थीं। 21 जून को यलो लाइन पर ओएचई टूटने के कारण परिचालन प्रभावित होने की घटना के बाद परिवहन मंत्री ने डीएमआरसी से एक सप्ताह में जवाब मांगा था।

डीएमआरसी का कहना है कि छह में से तीन घटनाएं बहुत छोटी थीं। इस दौरान कारिडोर के छोटे से हिस्से पर कुछ मिनटों के लिए ही परिचालन प्रभावित हुआ था। ओएचई टूटने के कारण परिचालन प्रभावित होने की अन्य तीन घटनाएं (ब्लू लाइन पर दो व यलो लाइन पर एक) तकनीकी विफलता का परिणाम नहीं था।

ब्लू लाइन पर लगाया वर्चुअल सिग्नल सिस्टम

ब्लू लाइन के सिग्नल सिस्टम के साफ्टवेयर में बदलाव कर वचरुअल सिग्नल सिस्टम लगाया गया है। इससे सिग्नल में खराबी होने पर पहले की तरह कारिडोर के बड़े हिस्से पर परिचालन प्रभावित नहीं होता। वर्चुअल सिग्नल की मदद से परिचालन जारी रखा जाता है। वायलेट लाइन के सिग्नल को भी उन्नत बनाया गया है। इसके अलावा ब्लू, यलो और रेड लाइन पर 26 अतिरिक्त ओएचई स्विचिंग प्वाइंट बनाए गए हैं।


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