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Delhi Metro: कुछ स्टेशनों पर अब देश के इतिहास की भी जानकारी, बनाए गए खास पाइंट

दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने अब अपने मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों को इतिहास से भी परिचित कराने की दिशा में कदम उठाया है। इसके लिए मेट्रो के कुछ स्टेशनों पर ऐसे कोने बनाए गए हैं और वहां पर इतिहास से संबंधित तस्वीरें लगा दी गई हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 03:24 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 03:24 PM (IST)
Delhi Metro: कुछ स्टेशनों पर अब देश के इतिहास की भी जानकारी, बनाए गए खास पाइंट
मेट्रो रेल कारपोरेशन ने अब अपने मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों को इतिहास से भी परिचित कराने की दिशा में कदम उठाया है।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने अब अपने मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों को इतिहास से भी परिचित कराने की दिशा में कदम उठाया है। इसके लिए मेट्रो के कुछ स्टेशनों पर ऐसे कोने बनाए गए हैं और वहां पर इतिहास से संबंधित तस्वीरें लगा दी गई हैं। इन तस्वीरों में इतिहास से संबंधित कई चीजें लगाई गई हैं जिसे देखकर लोग जानकारी हासिल कर सकते हैं। मेट्रो ने अपने ट्विटर हैंडल से भी इसके बारे में ट्वीट किया है।

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मेट्रो के एक ट्वीट में लिखा गया है कि 1947 में, बंगाल असम और उत्तर पश्चिम रेलवे की दो प्रमुख लाइनें विभाजित हो गईं और भारतीय रेल प्रणाली से अलग हो गईं। कुछ साल बाद, भारतीय रेलवे ने 1949-1950 में रेलवे फ्रैंचाइज़ी पर अधिकांश नियंत्रण हासिल करते हुए, अपनी नियति को प्रकट करना शुरू कर दिया।



एक दूसरे ट्वीट में लिखा गया है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए अपार योगदान के बारे में जानकारी के साथ हमारे यात्रियों को समृद्ध करने के लिए, डीएमआरसी ने #AmritMahotsav मनाने के लिए अपने कार्यक्रम के कोनों पर सूचनात्मक पैनल प्रदर्शित किए हैं। भारत के इतिहास में खुद को समृद्ध बनाने के लिए आप हमारे मेट्रो स्टेशन के कोने में जा सकते हैं


एक अन्य ट्वीट में देश की पहली ट्रेन के बारे में भी जानकारी दी गई है। इसमें लिखा गया है कि पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन 3 फरवरी 1925 को बॉम्बे और कुर्ला के बीच चली, जिसने आने वाले वर्षों में और विद्युतीकरण के लिए एक मिसाल कायम की। हालाँकि, ब्रिटिश राज के अंतिम दिनों में, आर्थिक मंदी और द्वितीय विश्व युद्ध जैसी घटनाओं ने रेलवे के विकास में बाधा उत्पन्न की।


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