Delhi MCD Election 2022: एमसीडी चुनाव में NOTA का भी रहा दबदबा, 57,545 लोगों ने चुना 'उपरोक्त में से कोई नहीं'
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में 57000 से अधिक वोट ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) को पड़े। राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि चार दिसंबर को हुए चुनाव में कुल मतों में से 57545 (0.78 प्रतिशत) वोट नोटा को पड़े।
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में 57,000 से अधिक वोट ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) को पड़े। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बुधवार को साझा किए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। दिल्ली में रविवार को हुए चुनाव में 50.48 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके नतीजे बुधवार को घोषित किए गए। निर्वाचन आयोग ने बताया कि चार दिसंबर को हुए चुनाव में कुल मतों में से 57,545 (0.78 प्रतिशत) वोट नोटा को पड़े।
बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election 2022) में आम आदमी पार्टी जीत गई है। भाजपा 15 साल बाद नगर निगम की सत्ता से बाहर हो गई है। AAP ने 250 सीटों में से 134 सीट और भाजपा ने 104 सीट जीती हैं। कांग्रेस ने 9 और निर्दलीय उम्मीदवार ने तीन सीटें जीती हैं।
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कुल मतदाता: 1,45,50,5358
मतदान हुआ: 7320577
भाजपा को मिले : 2867472
कांग्रेस को मिले: 856593
आप को मिले: 3084957
नोटा: 57454
बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में कूदे 1349 प्रत्याशियों में 784 प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। सर्वाधिक बुरी स्थित बसपा के साथ हुई है। बसपा निगम की 250 में 132 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी, जिसमें से सिर्फ चार प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे हैं। इसी प्रकार कांग्रेस 247 सीटों पर चुनाव में उतरी थी जिसमें से 188 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई है।
भाजपा को सीटों का हुआ भारी नुसकसान
सत्ता विरोधी लहर के चक्रव्यूह में फंसी भाजपा नगर निगम का दुर्ग बचाने में असफल रही है। पिछले 15 वर्षों से पार्टी का निगम में शासन था। पार्टी के नेताओं को चौथी बार भी सत्ता मिलने की उम्मीद थी, इसके लिए पूरा जोर लगाया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्रियों के साथ अन्य बड़े नेता चुनाव प्रचार में उतरे लेकिन सत्ता विरोधी लहर से पार्टी को नहीं उबार सके। पार्टी का मत प्रतिशत से पिछले चुनाव की तुलना में लगभग तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, लेकिन सीटों में भारी नुकसान हुआ। मात्र 104 सीटों से संतोष करना पड़ा। पिछले निगम चुनाव की तुलना में उसे 59 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा।
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