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दिल्ली मेयर चुनाव: AAP की याचिका पर उपराज्यपाल को SC का नोटिस, LG ने मनोनीत सदस्यों को दी थी मतदान की अनुमति

Delhi Mayor Election News सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को नोटिस भेजा है। बता दें कि मेयर चुनाव को लेकर सोमवार को हंगामे के चलते सदन की तीसरी बैठक भी बेनतीजा रही थी।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariPublished: Wed, 08 Feb 2023 07:45 AM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2023 12:24 PM (IST)
दिल्ली मेयर चुनाव: AAP की याचिका पर उपराज्यपाल को SC का नोटिस, LG ने मनोनीत सदस्यों को दी थी मतदान की अनुमति
दिल्ली मेयर चुनाव: AAP की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एलजी को भेजा नोटिस

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Mayor Election News : दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में मेयर चुनाव जल्दी कराने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने एलजी आफिस, प्रोटेम सभापति सत्या शर्मा, दिल्ली सरकार और एमसीडी कमिश्नर को नोटिस दिया।

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आम आदमी पार्टी की याचिका में मेयर का चुनाव जल्दी कराने व मनोनीत सदस्यों के मतदान करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। मामले में कोर्ट सोमवार यानी 13 फरवरी को फिर सुनवाई करेगा। ये आदेश प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, पीएस नरसिम्हा और जीबी पार्डीवाला की पीठ ने आम आदमी पार्टी की ओर से अधिकृत प्रतिनिधि मुकेश कुमार गोयल व पार्टी मेयर उम्मीदवार शैली ओबराय की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए।

बता दें कोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) की मेयर उम्मीदवार शैली ओबराय व अन्य की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए बुधवार को इसे सुनवाई पर लगाने की मंजूरी दी थी। सोमवार को सदन में हंगामा होने के कारण मेयर का चुनाव एक बार फिर टल गया था। इसके बाद आप की नेता की ओर से मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष केस का जिक्र किया गया। याचिका में कोर्ट से मेयर का चुनाव जल्द कराने की मांग की गई।

सदन से सड़क पर आई मेयर चुनाव की लड़ाई

गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को मेयर का चुनाव रोकने का आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान आप ने कहा कि भाजपा बार-बार मेयर चुनाव में रुकावट डाल रही है। निगम सदन में पूर्ण बहुमत होने के बावजूद आप का मेयर नहीं बनने दे रही है। प्रदर्शन का नेतृत्व विधायक सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और कुलदीप कुमार ने किया। इस दौरान आप के पार्षदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं ने एलजी और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

आप नेताओं ने कहा कि यह संघर्ष लंबा है और हम इसके लिए तैयार हैं। इसलिए अब हम सुप्रीम कोर्ट गए हैं। आप नेताओं ने कहा कि सोमवार को सभी ने देखा कि किस तरह गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से एमसीडी में अपनी सरकार बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारी पर अदालत की अवमानना का मामला बनता है।

सोमवार को निगम सदन में पीठासीन अधिकारी ने हाई कोर्ट का एक आर्डर दिखाते हुए कहा कि इसके आधार पर वोट करेंगे। सच्चाई तो यह है कि ऐसा कोई आर्डर ही नहीं है। इस प्रकार झूठ बोलना कोर्ट का निरादर है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने पहले ही बता दिया था कि भाजपा इस बार भी मेयर का चुनाव नहीं कराएगी और वही हुआ। इसका सुबूत यह है कि भाजपा सांसद गौतम गंभीर, मनोज तिवारी सदन में मौजूद नहीं थे, क्योंकि यह पहले से तय था।

उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने बेईमानी से एक वर्ष से एमसीडी पर कब्जा कर रखा है। इसे ये छोड़ना नहीं चाहते हैं, ताकि बेईमानी जारी रहे। हम यह नहीं होने देंगे। आप कार्यकर्ता भाजपा मुख्यालय प्रदर्शन करते हुए पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया।

मेयर मिलने तक जारी रहेगा संघर्षः भाजपा

आम आदमी पार्टी (आप) पर मेयर चुनाव में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेताओं ने प्रदर्शन किया। आप कार्यालय के बाहर प्रदर्शन में प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मेयर मिलने तक यह संघर्ष चलता रहेगा। उन्होंने आप पार्षदों पर नगर निगम के सदन में हंगामा व नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली को मेयर मिलना चाहिए और इसके लिए आप के पार्षदों को मर्यादा में रहना होगा। यदि नहीं रहेंगे तो भाजपा को मर्यादा में रखने के दूसरे तरीके आते हैं।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि आप पार्षदों ने भाजपा की महिला पार्षदों पर हमला किया है। उन्हें कानून की मार पड़ेगी। भाजपा उम्मीदवार रेखा गुप्ता मेयर बनेंगी। अन्य पदों पर भी भाजपा उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित है।

दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि आप ने पैसे लेकर टिकट दिए थे। अब पार्षद पैसे मांग रहे हैं। पार्टी टूट न जाए इसलिए आप नेतृत्व मेयर का चुनाव नहीं होने दे रहा है। यदि मनोनित सदस्य स्थायी समिति के लिए मतदान करते हैं तो मेयर के लिए क्यों नहीं कर सकते हैं?


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