गैस चैंबर बनने की ओर बढ़ रही दिल्ली, एनसीआर का भी बुरा हाल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में ही 50 लाख किलोग्राम पटाखे फोड़े गए और इससे 77 गुना तक प्रदूषण बढ़ गया।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण (Delhi Air Pollution) का खतनाक स्तर तक बढ़ गया है। बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में रहने वाले लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में हवा की क्वॉलिटी गिरती जा रही है। लोगों ने आंखों में जलन की भी शिकायत की है, खास बच्चों में इस तरह की ज्यादा शिकायत पाई गई है। हालात यही रहे तो दिल्ली जल्द ही एक बार फिर गैस चैंबर जैसे हालात में तब्दील हो सकती है।
प्रदूषण पर नियंत्रण के किए जा रहे उपाय
बढ़ते प्रदूषण के खतरे से निबटने के लिए दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर में शासन-प्रशासन अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) ने प्रदूषण का असर कम करने के लिए पेड़ों पर पानी का छिड़काव शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि इससे धूल पर काबू पाने के साथ पीएम-10 और पीएम-2.5 का असर भी कम किया जा सकेगा।
यहां पर बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में ही 50 लाख किलोग्राम पटाखे फोड़े गए और इससे 77 गुना तक प्रदूषण बढ़ गया।
सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग (SAFAR) के मुताबिक, 500 से ज्यादा आंकड़ों के साथ बृहस्पतिवार को हवा का स्तर गंभीर रूप से खतरनाक प्लस की श्रेणी में थी। शुक्रवार को हालात कुछ सुधरे लेकिन यह सुधार मामूली है। सफर की मानें तो दो दिन बाद हालात और बदतर होंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल ने कहा है कि हवा के स्तर पर लगातार नजर रखी जा रहरी है। हमें आशंका थी कि हवा की क्वॉलिटी फिर खतरनाक की कैटिगरी में पहुंच जाएगी, यही वजह है कि 8 से 10 नवंबर के बीच दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बैन की गई है। स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है और अगर लंबे समय तक ऐसी ही स्थिति रहती है को अतिरिक्त उठाए जाने को लेकर आपात बैठक बुलाई जा सकती है।