पांच साल से अटका दिल्ली का मास्टर प्लान- 2041, दो से तीन माह में आने के आसार
दिल्ली मास्टर प्लान 2041 को दो-तीन महीने में अधिसूचित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह योजना दिल्लीवासियों की जरूरतों के अनुसार होगी। हरित क्षेत्र अनधिकृत कॉलोनियों का विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार पर सहमति बन गई है। लैंड पूलिंग पॉलिसी को सरल बनाने पर काम चल रहा है। अगले 10 सालों में 35-40 लाख आवास तैयार होंगे जिससे योजना को व्यवहारिक बनाया जा सके।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। सियासी और प्रशासनिक अडचनों में पिछले पांच साल से उलझा दिल्ली का मास्टर प्लान 2041 दो से तीन माह में अधिसूचित हो जाने के आसार हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्वयं इस आशय के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं।
उनका कहना है कि नया मास्टर प्लान दिल्ली वासियों की इच्छाओं और जरूरतों के मुताबिक होगा। हर वर्ग के साथ रायशुमारी की जा रही है, उनकी उन मांगों पर भी विचार- विमर्श चल रहा है, जो पहले कभी नहीं सुनी गई। लगातार बैठकें भी की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को होटल ताज मानसिंह में दिल्ली के सतत विकास को लेकर नरेडको के ''ग्रीन भी, ग्रोथ भी'' थीम विषयक सेमिनार में मुखातिब थीं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमें दिल्ली को बदलना है और बदलकर रहेंगे। हर रोज जिस तरह से नीतियों में सुधार हो रहा है, वो इसी का प्रमाण है।
1954 का नियम था कि महिलाएं रात नौ से सुबह सात बजे तक काम नहीं कर सकतीं। हमने इस नियम को बदला। अब दिल्ली में महिलाएं भी 24 घंटे सातों दिन काम कर सकती हैं। वे काम भी करेंगी और सुरक्षित रहेंगी। सौर ऊर्जा हो या ग्रीन कवर, साफ सफाई हो या इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, सभी जगह काम हो रहा है। वो भी विशेषज्ञों की राय के साथ।
दिल्ली की पूरी टाउन प्लानिंग नए सिरे से की जानी है। पानी के लिए पूरी सीवर लाइन और पाइप नेटवर्क बिछाना है। दिल्ली में नए नए अस्पताल बनाने हैं, माल बनाने हैं, आईएसबीटी तैयार करने हैं।
वहीं जागरण से बातचीत में नरेडको दिल्ली के अध्यक्ष हर्षवर्धन बंसल ने बताया कि मास्टर प्लान में हरित क्षेत्र, अनधिकृत कालोनियों के विकास, ढांचागत सुधार और विरासत के संरक्षण सहित लगभग सभी मुददों पर अब तमाम एजेंसियों की सहमति बन गई है। समस्या केवल लैंडपूलिंग पालिसी को और सरल बनाने तथा ट्रांजिट ओरियंटिड डेवलपमेंट (टीओडी) को लेकर है।
इसी पर लगातार बैठकें चल रही हैं। अगले 10 सालों में दिल्ली में 35 से 40 लाख आवास तैयार होने हैं। इसीलिए कोशिश चल रही है कि मास्टर प्लान- 2041 केवल एक कागजी दस्तावेज न रह जाए। इसे व्यवहारिकता के साथ अंतिम रूप दिया जाए। बंसल ने उम्मीद जताई कि अधिकतम दो से तीन माह में डीडीए द्वारा यह संशोधित मास्टर प्लान अधिसूचना के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेज दिया जाएगा।
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