लॉकडाउन में पुलिस की पाठशाला में पढ़ रहे हैं बच्चे
Delhi LockDown ग्रेटर कैलाश के ए-ब्लाक में पुलिसकर्मी 10 अप्रैल से नियमित रूप से जाकर बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi LockDown: लॉकडाउन के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इसके मद्देनजर दक्षिणी व दक्षिणी-पूर्वी जिले की पुलिस बच्चों के लिए पाठशाला लगा रही है। पुलिस न सिर्फ बच्चों को पढ़ाई करा रही है। साथ ही उन्हें कॉपी, किताब व स्टेशनरी का अन्य सामान भी मुहैया करा रही है। ग्रेटर कैलाश के ए-ब्लाक में पुलिसकर्मी 10 अप्रैल से नियमित रूप से जाकर बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं।
एसएचओ ग्रेटर कैलाश सोमनाथ पारुथी ने बताया कि हेड कांस्टेबल ताराचंद व महिला कांस्टेबल नीलम के नेतृत्व में पुलिस टीम प्रतिदिन बच्चों को पढ़ाने जाते हैं और एक घंटा क्लास लेते हैं। पाठशाला में शामिल होने वाले बच्चों में एक बच्ची पहली कक्षा और एक बच्ची दूसरी कक्षा की छात्रा है। इसके अलावा गरीब व श्रमिकों के कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो पहले स्कूल नहीं जाते हैं। उन्हें पढाई के लिए प्रेरित करने का काम किया जा रहा है। बच्चों को पढ़ाने के दौरान शारीरिक दूरी का पूरा खयाल रखा जाता है।
गोंविदपुरी में भी चलाई जा रही है पाठशाला
एसएचओ गोविंदपुरी सतीश कुमार राणा ने बताया कि गरीब बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इसके चलते ट्रांजिट कैंप व अन्य जगहों पर प्रतिदिन क्लास लेने के लिए पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। बच्चों को स्टेशनरी का सामान भी दिया गया है ताकि पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत न हो। जो बच्चा जिस क्लास में पढ़ता है उसे उसी के अनुसार पढ़ाई कराई जा रही है।
इस तरह हुई पढ़ाने की शुरुआत
लॉकडाउन के दौरान पुलिस विभिन्न स्थानों पर लोगों को खाना पहुंचाने व जरूरतमंद लोगों की मदद को पहुंच रही थी। ऐसे में कई जगहों पर देखने में आया कि लॉकडाउन के दौरान यहां फंसे गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ नहीं पा रहे थे। ऐसे में दोनों जिलों की पुलिस ने बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रतिदिन क्लास चलाने का निर्णय लिया। शुरुआत में लोग बच्चों को पढ़ाने में ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे थे, लेकिन दिन बीतने के साथ हर पाठशाला में बच्चों की संख्या बढ़ती गई।
लॉकडाउन के दौरान किसी को कोई दिक्कत न हो। पुलिस ने इसके लिए दिन-रात काम कर रही है। इसी कड़ी में जो बच्चे लॉकडाउन में पढ़ नहीं पा रहे थे। उन्हें पढ़ाने के लिए पाठशाला चलाने का निर्णय लिया गया। - अतुल कुमार ठाकुर, डीसीपी दक्षिणी जिला।
संकट की घड़ी में पुलिस हर जरूरतमंद व गरीब के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। इलाके के कुछ लोगों ने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने की बात कहीं तो बच्चों को पढ़ाने के लिए क्लास चलाने के साथ स्टेशनरी भी मुहैया कराई गई। - राजेंद्र प्रसाद मीणा, डीसीपी दक्षिणी-पूर्वी जिला।