Delhi Waterlogging: दिल्ली एलजी की चेतावनी, सड़कों पर हुआ जलभराव तो अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
एलजी सक्सेना ने हर जलभराव वाली जगहों पर जाकर अधिकारियों से विभाग द्वारा जल भराव को रोकने के लिए किए गए उपायों की जानकारी ली और इस जलभराव की समस्या को स्थायी रूप से दूर करने के निर्देश दिए।
नई दिल्ली [वी के शुक्ला]। मानसून के दौरान जलभराव से डूब जाने वाली राजधानी दिल्ली को लेकर उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने अधिकारियों को चेताया है। एलजी ने शनिवार को मुख्य सचिव, जलबोर्ड, पीडब्ल्यूडी व यातायात पुलिस के अधिकारियों के साथ इंद्रप्रस्थ- डब्ल्यूएचओ सेक्शन , पुल प्रह्लादपुर और मिंटो ब्रिज का निरीक्षण किया।
एलजी सक्सेना ने हर जलभराव वाली जगहों पर जाकर अधिकारियों से विभाग द्वारा जल भराव को रोकने के लिए किए गए उपायों की जानकारी ली और इस जलभराव की समस्या को स्थायी रूप से दूर करने के निर्देश दिए। एलजी ने अधिकारियों को दो टूक शब्दों में कहा कि जलभराव की समस्या का दीर्घकालिक उपाय किया जाए और फिर से ऐसी समस्या न हो।
सक्सेना ने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उपराज्यपाल ने जहां इंद्रप्रस्थ और पुल प्रह्लादपुर में किए गए कार्यों की सराहना की तो वहीं मिंटो ब्रिज में विकसित जल निकासी व्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त की। सक्सेना ने स्थल पर विकसित ड्रेनेज सिस्टम में तकनीकी खामी को दिखाकर चेतावनी दी कि संबंधित अभियंताओं को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और स्थल पर जलजमाव होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस शेष पानी का उपयोग करके दिल्ली के भूजल को रिचार्ज करने के लिए दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने पर भी जोर दिया।
एलजी ने पुल प्रह्लादपुर में रेलवे अंडरपास पर विकसित पंपिंग स्टेशन का निरीक्षण किया जहां पानी को निकालने के लिए 100 एचपी क्षमता के छह पंप लगाए गए हैं। यहां सड़क से पंप किए गये पानी और छह लाख लीटर क्षमता के भूमिगत टैंक में एकत्रित पानी को पंपिंग स्टेशन से 200 मीटर की दूरी पर एक नाले में डाला जाएगा।
जलभराव रोकने के लिए पाइप लाइन से यमुना में डाला जाएगा पानी
उपराज्यपाल ने सबसे पहले रिंग रोड पर आइपी-डब्ल्यूएचओ खंड का दौरा किया जहां सड़कों से पानी साफ करने और रिंग रोड से सटे एक नवनिर्मित भूमिगत टैंक में इसे स्टोर करने के लिए 100 एचपी के चार पंप लगाए गए हैं। इसके अलावा भूमिगत टैंक से पानी 650 मीटर लंबाई की दो अलग- अलग भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से यमुना में डाला जाएगा, जो सामूहिक रूप से लगभग पांच लाख लीटर पानी ले जा सकते हैं। एलजी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बारिश के मौसम के बाद इन भूमिगत टैंक में संग्रहित पांच लाख लीटर पानी को हरियाली के उद्देश्य से उपयोग किया जाए।