दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर हरियाणा सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जल बोर्ड
राघव चड्ढा ने कहा कि वजीराबाद बैराज के पास यमुना का जलस्तर 674.50 फीट होना चाहिए जो कि घटकर 670.4 फीट हो गया है। हरियाणा सरकार द्वार पर्याप्त पानी नहीं छोड़े जाने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। यमुना के पानी में एक बार फिर अमोनिया की मात्रा बढ़ गई है। इसके अलावा वजीराबाद बैराज के पास जल स्तर में भी गिरावट हुई है। इससे जल बोर्ड के तीन जल शोधन संयंत्रों से पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है। इसके मद्देनजर जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि सोमवार को हरियाणा सरकार के खिलाफ याचिका दायर की गई है। उन्होंने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि हरियाणा में बगैर शोधन के सीवरेज का गंदा पानी यमुना में गिराया जा रहा है। उन्होंने हरियाणा से यमुना में कम पानी छोड़ने का भी आरोप लगाया है।
इसके मद्देनजर जल बोर्ड ने अपनी याचिका में बगैर शोधन के यमुना में गंदा पानी गिराने से रोक लगाने व अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए हरियाणा सरकार को निर्देश देने की मांग की है।
राघव चड्ढा ने कहा कि वजीराबाद बैराज के पास यमुना का जलस्तर 674.50 फीट होना चाहिए जो कि घटकर 670.4 फीट हो गया है। हरियाणा सरकार द्वार पर्याप्त पानी नहीं छोड़े जाने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। वजीराबाद बैराज से चंद्रावल, वजीराबाद व ओखला जल शोधन संयंत्र को पानी उपलब्ध कराया जाता है।
यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर पर 3.6 पार्ट पर मिलियन (पीपीएम) के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इन कारणों से वजीराबाद, चंद्रावल व ओखला जल शोधन संयंत्र से पानी आपूर्ति प्रभावित हुई है। मौजूदा समय में हरियाणा से 609 एमजीडी की जगह 479 एमजीडी पानी छोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यमुना के जल स्तर में लगातार गिरावट गंभीर चिंता का विषय है। हरियाणा सरकार के अधिकारियों को सूचित करने के बावजूद अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने दिल्ली के लोगों से पानी का समुचित इस्तेमाल करने की अपील की है। पानी की समस्या होने पर लोग जल बोर्ड के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष (1916) पर काल करके पानी का टैंकर मंगा सकते हैं।