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पांच लाख करोड़ डालर की अर्थव्यवस्था के लिए एसएमई सेक्टर को देना होगा महत्व: डा कृष्ण गोपाल

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ डालर का आकार देने के लिए सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमइ) को और रोजगारपरक बनाना होगा। इसके लिए केंद्र सरकार स्थान धन और तकनीकी मुहैया करा रही है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 09:24 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 09:35 PM (IST)
पांच लाख करोड़ डालर की अर्थव्यवस्था के लिए एसएमई सेक्टर को देना होगा महत्व: डा कृष्ण गोपाल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ डालर का आकार देने के लिए सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमइ) को और रोजगारपरक बनाना होगा। वर्तमान में इस क्षेत्र ने कोई 11 करोड़ लोगों को रोजगार दिया है। इसका देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान 20 फीसद है, जबकि कृषि पर अभी भी देश की 50 फीसद जनसंख्या आश्रित है तो भी उसका जीडीपी में मात्र 15 फीसद है।

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उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए चार-पांच सालों में एमएसएमइ क्षेत्र में चार-पांच करोड़ और नए रोजगार पैदा करने होंगे। वह दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित लघु उद्योग भारती के नवनिर्मित मुख्यालय "श्री विश्वकर्मा भवन' के लोकापर्ण अवसर को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर केंद्रीय एमएसएमइ मंत्री नारायण राणे व संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की भी मौजूदगी रहीं। डा. कृष्ण गोपाल ने कहा कि सरकार कृषि पर रोजगार की निर्भरता कम करने तथा गांव तक उद्योग पहुंचाने को लेकर प्रयासरत है। इस स्थिति में कुशल लोगों को तैयार करने में लघु उद्योग भारती बड़ा योगदान दे सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के 60 से 70 किमी के दायरे में 15 से 20 हजार उद्योग है। इसी तरह से यहां अच्छी खासी संख्या में व्यवसायिक शिक्षा के केंद्र आइआइटी, एनएसआटी व तकनीकी विश्वविद्यालय हैं। अच्छे प्रोफेसर, विशेषज्ञ व छात्र हैं।

उन्होंने कहा कि यह भवन विशेषज्ञों और उद्योगों व अलग-अलग उद्योग से जुड़े लोगों को एक मंच पर लाने के साथ देश के उत्पादों की वैश्विक पटल पर असरदार मौजूदगी की तैयारी में भी बड़ा योगदान दे सकता है। उन्होंने इस भवन में उद्योग आधारित लाइब्रेरी स्थापित करने पर भी जोर दिया। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि देश को प्रगति के रास्ते पर ले जाने के जीडीपी में एमएसएमइ के योगदान को बढ़ाकर 50 से 60 फीसद तक ले जाने की आवश्यकता है। इसके लिए केंद्र सरकार स्थान, धन और तकनीकी मुहैया करा रही है।

अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि आने वाले समय में यह मुख्यालय देश के उद्योग जगत का बड़ा केंद्र बनने वाला है। यहां से बेहतर सुझाव और प्रस्ताव निकलेंगे, जो देश की आर्थिक गति को और बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में लघु उद्योग को भी जोड़ा गया है। इस अवसर पर लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष बलदेव भाई प्रजापति समेत संगठन के प्रमुख राष्ट्रीय व प्रदेश के पदाधिकारी मौजूद रहे। मंच का संचालन लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय सचिव सम्पत तोषनीवाल ने किया।

क्या है भवन: सूक्ष्म व लघु उद्योग के लिए काम करती लघु उद्योग भारती देश की बड़ी औद्योगिक संगठन है। इसका देश के 450 जिलों में नेटवर्क है। इसका यह मुख्यालय छह सौ वर्ग मीटर में बना है। निर्माण काम वर्ष 2018 में शुरू हुआ। इसमें एक कांफ्रेस हाल और छोटे-छोटे बैठक कक्ष है। इसमें गोष्ठियां, बैठक व प्रदर्शनी आयोजित हाेती रहेंगी। जो देश के उद्योग जगत के लिए महत्वपूर्ण होंगी। उद्योग आधारित लाइब्रेरी व ई-लाइब्रेरी के साथ कौशल विकास केंद्र भी होगा।


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