पत्नी के नाम पर फर्जी अकाउंट खोल किया साइबर क्राइम, HC ने सुनाई अनोखी सजा
वर्ष 2015 में ललित ने अपनी पत्नी के नाम पर सामान खरीदने व बेचने के लिए फर्जी ऑनलाइन अकाउंट खोला था। दोनों के बीच विवाद होने के बाद वह फर्जी अकाउंट के जरिए प्रताड़ित करने लगा था।
नई दिल्ली, विनीत त्रिपाठी। साइबर क्राइम के मामले में दोनों पक्षों द्वारा समझौता कर एफआइआर रद करने की मांग को लेकर दायर याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने साइबर क्राइम को गंभीर मामला करार देते हुए अनोखा फैसला सुनाया है।
पीठ ने आरोपित ललित भोला को मुख्यमंत्री केरल राहत कोष में एक लाख रुपये जुर्माना जमा करने का आदेश दिया। पीठ ने स्पष्ट कहा कि यह धनराशि तीन सप्ताह के अंदर राहत कोष में जमा कराई जाए और चार सप्ताह के अंदर जांच अधिकारी इंस्पेक्टर साहिब सिंह को इसकी जानकारी दी जाए।
सुनवाई के बाद अपने फैसले में न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा कि पीड़ित महिला ने याचिकाकर्ता से समझौता कर लिया और याची के खिलाफ कोई भी अग्रिम कार्रवाई न करने की बात कही। इससे पता चलता है कि महिला का दिल कितना बड़ा है कि पति से प्रताड़ित होने के बावजूद वह उसे माफ करना चाहती है। शिकायत में लगाए गए आरोपों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अदालत समझौते को अस्वीकार करती है। याचिकाकर्ता ऐसा कृत्य दोबारा करने की हिम्मत न करे, इसलिए उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।
याचिका के अनुसार, वर्ष 2015 में ललित ने अपनी पत्नी के नाम पर सामान खरीदने व बेचने के लिए फर्जी ऑनलाइन अकाउंट खोला था। दोनों के बीच विवाद होने के बाद वह फर्जी अकाउंट के जरिए प्रताड़ित करने लगा था। इसके बाद महिला ने पति के खिलाफ उत्तरी जिला के सराय रोहिल्ला थाने में आईटी-एक्ट 66सी के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में ललित के वकील ने अदालत में याचिका दायर कर दलील दी थी कि याची व उसकी पत्नी के बीच समझौता हो गया है। ऐसे में अदालत उक्त मामले में दर्ज एफआइआर को रद कर दे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने राहत देने से इन्कार कर दिया और याची पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।