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दुष्कर्म पीड़िता को दिल्ली से बाहर ले जाने पर रोक, हरियाणा के पूर्व सांसद के बेटे पर लगा है आरोप

याचिका के अनुसार पीड़िता का आरोप है कि पूर्व सांसद के बेटे ने नौकरी लगवाने का झांसा देकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 10:57 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 07:15 AM (IST)
दुष्कर्म पीड़िता को दिल्ली से बाहर ले जाने पर रोक, हरियाणा के पूर्व सांसद के बेटे पर लगा है आरोप
दुष्कर्म पीड़िता को दिल्ली से बाहर ले जाने पर रोक, हरियाणा के पूर्व सांसद के बेटे पर लगा है आरोप

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। नौकरी दिलाने के नाम पर महिला से दुष्कर्म के मामले में हरियाणा में हिसार से दो बार सांसद रहे भाजपा नेता सुरेंद्र बरवाला के बेटे प्रशांत बरवाला की मुश्किलें कम होती नजर आ रही हैं। दुष्कर्म पीड़िता के ताजा आवेदन पर न्यायमूर्ति विभू बाखरू की पीठ ने जहां पीड़िता को दिल्ली हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर ले जाने पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है।

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वहीं दूसरी तरफ पीठ के आदेश के बावजूद भी अब तक प्रशांत का डीएनए टेस्ट नहीं कराने पर भी अदालत ने सख्त रुख अपनाया है।

डीएनए टेस्ट कराने का दिया था आदेश

पीड़िता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता कपिल ढाका ने कहा कि अदालत ने 14 जुलाई को प्रशांत का डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस ने अब तक डीएनए टेस्ट नहीं कराया है। उन्होंने कहा कि पीड़िता के खिलाफ आरोपित की तरफ से हरियाणा में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है और उसे गिरफ्तार करने के लिए हरियाणा पुलिस लगातार दबिश दे रही है। उन्होंने कहा कि अगर पीड़िता को दिल्ली हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर हरियाणा ले जाया गया तो जांच में अड़चन आएगी।

पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपित के परिजन प्रभावशाली हैं और पिता पूर्व सांसद रहे हैं। भेजा गया तो बचाव पक्ष की तरफ से पेश हुए कम्मा वोहरा ने दलील दी कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टर ने सुझाव दिया है कि डीएनए टेस्ट पीड़िता द्वारा बच्चे को जन्म देने के बाद ही कराया जा सकता है। इस दलील पर न्यायमूर्ति विभू बाखरू ने कहा कि संबंधित डॉक्टर के हस्ताक्षर के साथ उसके सुझाव की रिपोर्ट पेश करें कि भ्रूण से डीएनए टेस्ट नहीं कराया जा सकता। पीठ ने साथ ही कहा कि अगले आदेश तक महिला को दिल्ली हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं ले जाया जाएगा।  14 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने जहां आरोपित प्रशांत का डीएनए टेस्ट कराने का निर्देश दिया था। वहीं, लक्ष्मी नगर थाना एसएचओ को पीड़िता को सुरक्षा देने का निर्देश दिया था।

नौकरी का झांसा देकर किया था दुष्कर्म

याचिका के अनुसार पीड़िता का आरोप है कि पूर्व सांसद के बेटे ने नौकरी लगवाने का झांसा देकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया, इस बीच जब वह गर्भवती हो गई तो उसपर गर्भपात करने का दबाव बनाया। इससे मना करने पर उसकी पिटाई भी की। आरोपित ने मामला बंद करने के लिए उसके बैंक एकाउंट में 50 हजार रुपये भेजे, लेकिन रुपये लेने से इनकार करने पर आरोपित ने दोस्त के माध्यम से जान से मारने की धमकी दिलवाई। पीड़िता ने 6 जून को पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर थाने शिकायत दर्ज करवाई।

पीड़िता अपने पति से अलग होकर दो बच्चों के साथ लक्ष्मी नगर थाना क्षेत्र में रहती है। घर चलाने के लिए उसे नौकरी की जरूरत थी, जून 2017 में उसकी एक दोस्त ने नौकरी के सिलसिले में उसे प्रशांत बरवाला से मिलवाया। आरोपित ने पीड़िता से कहा कि वह उसकी नौकरी लगवा देगा, इसके बाद वह किसी न किसी बहाने से पीड़िता को फोन व मैसेज करने लगा। धीरे-धीरे दोनों दोस्त बन गए।


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