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Coronavirus: कजाकिस्तान में फंसे छात्रों के मामले में हाई कोर्ट ने मांगा विदेश मंत्रालय से जवाब

Coronavirus कजाकिस्तान में फंसे भारतीय छात्रों के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने विदेश मंत्रालय से जवाब मांगा है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 03:09 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 03:09 PM (IST)
Coronavirus: कजाकिस्तान में फंसे छात्रों के मामले में हाई कोर्ट ने मांगा विदेश मंत्रालय से जवाब
Coronavirus: कजाकिस्तान में फंसे छात्रों के मामले में हाई कोर्ट ने मांगा विदेश मंत्रालय से जवाब

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए भारत द्वारा रद की गई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के कारण कजाकिस्तान के अल्माटी हवाई अड्डे पर फंसे भारतीय छात्रों को वहां सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराने का दिल्ली हाई कोर्ट ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने विदेश मंत्रालय से कहा कि वह कजाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंसे भारतीय छात्रों को मदद करने के लिए एक नोडल अधिकारी को नियुक्त करें।

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पीठ ने कहा कि नोडल अधिकारी का फोन नंबर विदेश विभाग की वेबसाइट पर डालें। साथ ही नोडल अधिकारी को निर्देश दें कि वह हवाई अड्डे पर फंसे छात्रों को भोजन-पानी, आने-जाने, दवा व अन्य तरह की सभी सुविधाएं मुहैया कराए। पीठ ने इसके साथ ही याचिका पर सुनवाई 28 मार्च के लिए स्थगित कर दी है। याचिकाकर्ता स्नेहला अरोड़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने उक्त निर्देश दिए।

याचिका के अनुसार 31 मार्च तक भारत द्वारा सभी अंतरराष्ट्रीय उडानें रद करने के कारण कजाकिस्तान के अल्माटी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विभिन्न राज्यों के 200 से अधिक एमबीबीएस छात्र फंसे हुए हैं और वह अपने देश वापस नहीं लौट सकते। याचिका के अनुसार छात्र वहां दो-तीन दिनों से बिना खाना-पानी के एयरपोर्ट पर हैं। वहां इन्हें कोई मौलिक सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है। उन्हें वहां मदद करने वाला कोई नहीं है इसे देखते हुए सरकार को छात्रों की मदद करने के निर्देश दिए जाएं।

सामने आएं संक्रमित डॉक्टर से इलाज करवाने वाले लोग

उधर, उत्तर-पूर्वी जिला प्रशासन ने मंगलवार को बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र स्थित मोहनपुरी और मौजपुर के मोहल्ला क्लीनिक में इलाज करवाने वाले मरीजों से सामने आने की अपील की है। 12 मार्च से 18 मार्च तक इन दोनों क्लीनिक में इलाज करवाने वाले मरीजों को सामने आने के लिए कहा गया है। बता दें कि इस क्लीनिक के डॉक्टर कोरोना वायरस से पीड़ित हैं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।

ऐसे में आशंका है कि डॉक्टर ने जिन मरीजों को उन दिनों देखा है उन्हें भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है। प्रशासन ने अपील की है कि 12 से 18 मार्च तक क्लीनिक में इलाज करवाने वाले मरीज को अगर खांसी, तेज बुखार होता है तो वह तुरंत प्रशासन को इसकी सूचना दें। प्रशासन उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाएगा। इसके साथ ही अपील की है कि वह लोग कहीं बाहर न निकलें, अगले 15 दिनों तक अपने घरों में ही रहें।


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