चुनौती याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्तार अंसारी से मांगा जवाब
कृष्णानंद राय की पत्नी की तरफ से दायर याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने बरी हुए सभी लोगों को नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। भाजपा नेता कृष्णानंद राय की 2005 में की गई हत्या के मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने विधायक मुख्तार अंसारी व छह अन्य लोगों से जवाब मांगा है। कृष्णानंद राय की पत्नी की तरफ से दायर याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने बरी हुए सभी लोगों को नोटिस जारी किया है।
नियमित सूची में डालने का पीठ ने दिया आदेश
पीठ ने कहा कि यह मामला नियमित सूची में सुनवाई के लिए आएगा। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने भी आरोपितों को बरी करने के फैसले को हाई कोर्ट में पिछले सप्ताह चुनौती दी थी। अलका राय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह मामला 2013 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से दिल्ली की निचली अदालत में स्थानांतरित किया गया था।
29 नवंबर 2005 को हुई थी हत्या
कृष्णानंद राय 2002 से 2007 तक मोहम्मदाबाद निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे और 29 नवंबर 2005 को छह लोगों के साथ उनकी हत्या कर दी गई थी। उत्तर प्रदेश के मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी पर उनकी हत्या और अपहरण सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। दिल्ली की निचली अदालत ने जुलाई 2019 में इस मामले में आरोपितों को बरी कर दिया था। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राय की हत्या की सीबीआइ जांच का निर्देश दिया था।
पर्याप्त सबूत नहीं जुटाने कारण साबित नहीं हुए आरोप
अंसारी के अलावा निचली अदालत ने उनके भाई अफजाल अंसारी, अजाज उल हक, संजीव माहेश्वरी, राकेश पांडे, रामू मल्लाह और मंसूर अंसारी को भी बरी कर दिया था। यह माना गया था कि जांच एजेंसी आरोपित व्यक्तियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं जुटा सकी और अदालत में आरोपों को साबित करने में विफल रही।
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