शहर को साफ रखना सीखना होगा, होना चाहिए जिम्मदारी का भाव: हाई कोर्ट
निगमों को निर्देश दिए गए कि वह तय समय पर कूड़ा उठाने का काम करें। अगर कूड़ा उठाने की गाड़ी आने का समय निश्चित होगा तो लोग भी इसका पालन करेंगे।
नई दिल्ली [जेएनएन]। राजधानी में गंदगी व डेंगू, चिकनगुनिया को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि शहर को साफ रखने के लिए लोगों को सीखने की जरूरत है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने कहा कि लोगों में शहर को साफ रखने को लेकर कुछ जिम्मदारी का भाव होना चाहिए।
हाई कोर्ट ने कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि जब तक कूड़ा उठाने के लिए कोई नहीं जाता उन्हें किस तरह से घर में रखना है। विदेशों में कूड़ा उठाने वाली गाड़ी सप्ताह में एक बार आती है। बावजूद इसके लोग सप्ताह भर तक सयम के साथ कूड़े को अपने घर में ही रखते हैं। कूड़ा इकट्ठा करना व इसके निस्तारण का ध्यान युद्ध स्तर पर किया जाना चाहिए।
लोग किस तरह से शहर को साफ रखना सीखते हैं
तीनों निगमों को निर्देश दिए गए कि वह पायलेट प्रोजेक्ट के तहत तय समय पर कूड़ा उठाने का काम करें। अगर कूड़ा उठाने की गाड़ी आने का समय निश्चित होगा तो लोग भी इसका पालन करेंगे। हम यह देखना चाहते हैं कि गंदगी फैलने के कारण परेशान दिल्ली के लोग किस तरह से शहर को साफ रखना सीखते हैं।
अगली सुनवाई 2 अगस्त को होगी
हाई कोर्ट ने समयबद्ध तरीके से कूड़ा उठाने व जोन स्तर पर प्रत्येक सफाई कर्मचारी की जानकारी वेबसाइट पर डालने की बात भी दोहराई। इसपर अदालत को जानकारी दी गई कि ऐसा 31 अगस्त तक ही किया जा सकेगा। सभी निगमों को दूरगामी रोड मैप बनाने के निर्देश दिए गए। मामले की अगली सुनवाई दो अगस्त को होगी।
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