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दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा- अदालतें कानूनी दावे के रूप में दांव लगाने के लिए कैसीनो नहीं हैं, जानिए क्या है पूरा मामला?

पीठ ने कहा कि एक बेईमान वादी से निपटने के लिए अदालत कभी भी कमजोर नहीं होती है। कहा कि अदालत गंभीर प्रामाणिक दावों को रखने का मंच है। यहां झूठे दावों के लिए न्यायिक मंजूरी प्राप्त करने के लिए बेईमान वादियों द्वारा कपटपूर्ण खेल का स्थान नहीं है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 12:27 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 12:27 PM (IST)
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा- अदालतें कानूनी दावे के रूप में दांव लगाने के लिए कैसीनो नहीं हैं, जानिए क्या है पूरा मामला?
लेडी जस्टिस की आंखों पर पट्टी बंधी है, वह न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बनाने वालों के लिए अंधी नहीं हैं

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एक याचिका पर अहम टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अदालतें कानूनी दावे के रूप में दांव लगाने के लिए कैसीनो नहीं हैं। न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने कहा कि लेडी जस्टिस की आंखों पर पट्टी बंधी है, लेकिन वह शरारत या धोखाधड़ी कर न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बनाने वालों के लिए अंधी नहीं हैं। पीठ ने कहा कि अदालत गंभीर, प्रामाणिक दावों को रखने का मंच है। यहां झूठे दावों के लिए न्यायिक मंजूरी प्राप्त करने के लिए बेईमान वादियों द्वारा कपटपूर्ण खेल का स्थान नहीं है।

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पीठ ने यह भी कहा कि ऐसे दावे की अनुमति नहीं दी जा सकती है कि झूठ पकड़े जाने पर वे इसे वापस ले लें। कानून की अदालत में धोखाधड़ी या कपटपूर्ण आचरण सभी कार्यवाही को प्रभावित करता है और इस तरह के किसी भी प्रयास को शुरू में ही समाप्त कर देना चाहिए। पीठ ने उक्त टिप्पणी उस याचिका पर की जिसमें याचिकाकर्ता एक संपत्ति के खरीदार और विक्रेता होने का दावा करते हुए एक अवैध लेनदेन को फलने-फूलने के लिए निर्देश प्राप्त करने का प्रयास कर रहे थे। पीठ ने कहा कि एक बेईमान वादी से निपटने के लिए अदालत कभी भी कमजोर नहीं होती है।

एसएचओ को नोटिस

राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिख दंगा मामले में पेश होने का समन दिए जाने के बाद भी कोर्ट न पहुंचने पर सुल्तानपुरी के तत्कालीन एसएचओ को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने वर्तमान एसएचओ को अगली सुनवाई के लिए नोटिस पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ सिख दंगे से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहा था। सीबीआइ की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत ने मामले में तत्कालीन एसएचओ माम चंद को कोर्ट की कार्यवाही में समन दिए जाने के बाद भी शामिल न होने पर नोटिस जारी किया है।

इस मामले में सह आरोपित ब्रह्मानंद गुप्ता को बचाव पक्ष ने गवाह के तौर पर पेश किया। सोमवार को कोर्ट की सुनवाई में ब्रह्मानंद गुप्ता की गवाही दर्ज की गई। इस मामले में दो आरोपितों पीरिया सांसी और कुशल सिंह की मौत हो चुकी है। सज्जन कुमार जेल में है। दो आरोपित ब्रह्मानंद और वेद प्रकाश जमानत पर बाहर हैं।


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