Delhi: केवल आरोप पत्र दाखिल होने के आधार पर नहीं तय किए जा सकते आरोप- HC, दुष्कर्म आरोप से मुक्त हुआ आरोप
दुष्कर्म करने का आरोप लगाने के मामले में आरोपित को आरोपमुक्त करने निचली अदालत के निर्णय को सही ठहराते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि केवल अभियोजन द्वारा आरोपित के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के आधार पर आरोप तय नहीं किया जा सकता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दुष्कर्म करने का आरोप लगाने के मामले में आरोपित को आरोपमुक्त करने निचली अदालत के निर्णय को सही ठहराते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि केवल अभियोजन द्वारा आरोपित के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के आधार पर आरोप तय नहीं किया जा सकता है। अदालत ने कहा कि पेश की सामग्री से स्पष्ट है कि आरोपित के खिलाफ आरोप तय करने का कोई प्राथमिक मामला नहीं बनता है।
महिला ने खुद अपने बयान में कहा है कि उसने पहला बयान गुस्सा और नासमझी में दिया था क्योंकि वह अवसाद में थी।अदालत ने कहा कि महिला न सिर्फ बालिग है, बल्कि शादीशुदा व परिपक्व है। इतना ही नहीं महिला ने खुद आरोपित को जमानत देने में आपत्ति दर्ज नहीं कराई थी।
ऐसे में आरोपित पर उक्त अपराध करने की आशंका नहीं है, क्योंकि बिना सहमति के शारीरिक संबंध बनाने का कोई तथ्य पेश नहीं किया गया। ऐसे में 11 जनवरी 2022 के निचली अदालत के निर्णय में कोई गलती नहीं है और महिला की पुनरीक्षण याचिका खारिज की जाती है।
यह है मामला
20 जनवरी 2021 को 32 वर्षीय तलाकशुदा महिला ने शिकायत दी कि एक महीने पहले दोनों एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। महिला का आरोप है कि व्यक्ति ने 18 जनवरी 2021 को उन्हें रोहिणी स्थित एक पेट्रोल पंप पर बुलाया था। जब वह व्यक्ति की कार में बैठी तो वह उसे एक होटल में ले गया और वहां पर उसे प्रताड़ित करने के साथ ही बिना सहमति के शारीरिक संबंध बनाए थे। महिला की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था।