'संभव है कि पुलिस के पास कोई इंटेलिजेंस रिपोर्ट हो', हाईकोर्ट ने ठुकराई सिंघू बार्डर पर नाकाबंदी हटाने की मांग
दिल्ली हाईकोर्ट ने सिंघू बॉर्डर पर लगी नाकेबंदी हटाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि संभव है कि पुलिस के पास कोई इंटेलिजेंस रिपोर्ट हो। याचिकाकर्ताओं को दिल्ली पुलिस आयुक्त के समक्ष प्रतिवेदन देने को कहा गया है। पुलिस आयुक्त को प्रतिवेदन पर जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है। पुलिस आयुक्त को प्रतिवदेन पर जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सिंघू सीमा पर नाकाबंदी हटाने की मांग से जुड़ी याचिका पर विचार करने से दिल्ली हाईकोर्ट ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि संभव है कि पुलिस के पास कोई इंटेलिजेंस रिपोर्ट हो। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी कहा कि इस मुद्दे को अदालत के बजाय संबंधित अधिकारियों को देखना होगा।
इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को दिल्ली पुलिस आयुक्त के समक्ष प्रतिवेदन देने को कहा। साथ पुलिस आयुक्त को प्रतिवदेन पर जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया।
प्रदर्शनकारियों के नहीं होने के कारण भी बैरिकेडिंग
अदालत ने उक्त निर्देश यह देखते हुए दिया कि याचिकाकर्ताओं ने सीधे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और उन्होंने इस संबंध में पुलिस के समक्ष कोई प्रतिवेदन नहीं दिया। याचिकाकर्ताओं शंकर मोर, सचिन अनेजा और एकनूर सिंहकी तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने तर्क दिया कि दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कोई प्रदर्शनकारी किसान नहीं है, लेकिन सिंघू सीमा पर अभी भी बैरिकेडिंग की गई है। इसके कारण आम नागरिकों को कई महीने से असुविधा हो रही है।
आम नागरिकों को स्वतंत्र रूप से घूमने का अधिकारी
याचिका में कहा गया कि संविधान के तहत आम नागरिकों को स्वतंत्र रूप से घूमने का अधिकार है और हरियाणा से कई लोग अपने इलाज के लिए दिल्ली जाते हैं लेकिन अब उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।